शिमला: येस बैंक ने हिमाचल प्रदेश के लोगों की भी नींद उड़ा दी है। वितीय संकट का सामना कर रहे इस बैंक में हिमाचल प्रदेश के 1909 करोड़ रुपए फंस गए है। यस बैंक की राज्य में नौ शाखाएं हैं। इन शाखाओं में 32 हजार खाते हैं, जिनमें यह रकम जमा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गुरूवार को विधानसभा में विशेष वक्तव्य में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर 2017 से पहले येस बैंक में सरकार का 1344.8 करोड़ रुपए, जबकि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 1244 करोड़ रूपए जमा करवाया गया।
उन्होंने आगे कहा कि इस बैंक में सरकारी क्षेत्र का पैसा जमा करवाने की प्रक्रिया पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में शुरू हो गई थी। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक का 625 करोड़, कांगड़ा सहकारी बैंक का 320 करोड़, एचपी इंफ्रास्ट्रक्चर विकास निगम का 104 करोड़, एचपी पावर ट्रांसमिशन काॅरपोरेशन लिमिटेड का 25 करोड़ तथा धर्मशाला स्मार्ट सिटी का 170 करोड़ रूपये जमा है। उन्होंने कहा कि यस बैंक द्वारा दी जा रही ऊंची ब्याज दरों के कारण राज्य सरकार और आम जनता ने काफी मात्रा में अपना पैसा इस बैंक में जमा करवाया है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष यस बैंक की आर्थिक स्थिति को लेकर भय और दहशत का माहौल बना रहा है। मौजूदा हालात में प्रदेश की जनता को किसी भी प्रकार के भय को त्याग कर धैर्य बनाए रखना होगा। प्रदेश सरकार सुनिश्चित करेगी कि बैंक में जमा जनता और सरकार का पैसा किसी भी सूरत में नहीं डूबे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने एसबीआई के पूर्व मुख्य वित अधिकारी को येस बैंक का प्रशासक तैनात कर दिया है।
प्रस्तावति योजना के तहत एसबीआई येस बैंक में कम से कम 26 फीसदी की हिस्सेदारी सुनिश्चित करगा, जिसे 49 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है। यह रकम लगभग 2500 करोड़ बनती है। आरबीआई ने निवेशकों को आश्वसत किया है कि उनका धन सुरक्षित रहेगा व एक सप्ताह के अंदर एसबीआई येस बैंक को इस संकट से उबारने के लिए योजना तैयार करेगा।
Latest
- सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़, दुष्प्रचार व गलत सूचनाएं फैलाने पर होगी कार्रवाई : DC
- आस्था स्पेशल स्कूल का दो वर्षीय डिप्लोमा बन रहा बेरोजगारी व रोजगार के बीच सेतु
- तमिलनाडु की पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से 9 श्रमिकों की मौके पर मौत, 6 चोटिल
- मंडी-कांगड़ा सीमा पर लबांडग हाइड्रो प्रोजैक्ट में रिसाव, मुलथान गांव में भरा पानी
- हिमाचल के स्कूलों में JBT के पदों पर भर्तियां, 5 महीने बाद मिलेगी नियुक्ति