हरिपुरधार: संगड़ाह उपमंडल के हरिपुरधार-नौहराधार क्षेत्रों में शुक्रवार को छात्रों में बर्फबारी के बावजूद बोर्ड परीक्षाओं के प्रति खासा जुनून दिखा। प्रातः कालीन सत्र की परीक्षा को चुनौती माना जा रहा था। इसके विपरीत अभिभावकों व छात्रों ने मिलकर इसका सामना कर लिया। हालांकि बीती रात एमबीएम न्यूज नेटवर्क के बर्फबारी के खुलासे के बाद प्रशासन भी इस बात को लेकर चिंतित हो गया था कि बच्चे परीक्षा में कैसे हिस्सा लेंगे।
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शिक्षा विभाग सहित प्रशासन ने उस वक्त राहत की सांस ली, जब परीक्षा में छात्र गैर हाजिर नहीं पाए गए। इसमें कोई दो राय नहीं है कि पहले भी पहाड़ी बच्चे इस तरह का हौंसला रखकर परीक्षा देने पहुंचते रहे हैं, मगर विडंबना यह है कि बोर्ड की परीक्षाओं को विंटर क्लोजिंग परीक्षाओं के साथ प्लान नहीं किया जाता। गत तीन सालों से इलाके में मार्च माह में बर्फबारी हो रही है। बदलाव यह भी हो सकता है कि इन इलाकों में मध्य मार्च के बाद परीक्षाओं का कार्यक्रम तय हो। समूचा इलाका चूड़धार की तलहटी में बसा हुआ है। लिहाजा, तापमान के माईनस में पहुंचने की संभावना भी बरकरार रहती है।
जानकारों का कहना है कि ऐसी परिस्थितियों में शिक्षा विभाग व प्रशासन को कम से कम परीक्षा केंद्रों में हिटिंग की व्यवस्था तो करनी चाहिए। पता चला है कि परीक्षा केंद्रों में बिजली गुल थी, लेकिन शिक्षक अपने स्तर पर ही चार्जेबल बल्बस का इंतजाम कर चुके थे। बावजूद इसके विजिबलिटी काफी कम थी। अहम बात यह भी है कि छात्रों का परीक्षा के प्रति गजब जज्बा भी देखने को मिला।