मंडी : आईपीएच मंत्री के बेटे द्वारा सरकारी कार्यालय में अधिकारियों व कर्मचारियों से तल्खी से बातचीत का वीडियो वायरल हो गया है। इस वीडियो पर राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस नेता आश्रय शर्मा व जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने वीडियो को लेकर सवाल उठाए हैं। करीब नौ मिनट का यह वीडियो किसी कार्यालय का है जिसमें शुरूआत केवल ऑडियो है, जबकि बाद में वीडियो भी है। वीडियो में अधिकारियों कर्मचारियों से बात करते हुए रजत ठाकुर बीच-बीच में तलख भी हो रहे हैं। एक महिला रोते हुए भी सुनी जा सकती है।
वहीं, आश्रय शर्मा के फेसबुक पोस्ट के कैप्शन में सवाल उठाते हुए लिखा गया है कि जंगलराज की ओर हिमाचल-कर्मचारियों को किस प्रकार प्रताड़ित किया जाता है, इस वीडियो में साफ दिख रहा है। खुद को सर्वश्रेष्ठ मंत्री कहने वाले नंबर वन आईपीएच मिनिस्टर महेंद्र सिंह का सुपुत्र जो प्रदेश भाजयुमो में पदाधिकारी हैं, किस तरह दफ्तर में आकर सरेआम महिला कर्मचारियों को धमका रहा है। महिला कर्मचारी अपनी बेबसी पर आंसू बहा रही है।
इसी मामले को लेकर जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि वीडियो में मंत्री के बेटे ने उनका नाम लेकर जो टिप्पणियां की हैं वे उसके खिलाफ न्यायालय में मानहानि केस दायर करेंगे। सीटू से संबंधित मनरेगा मजदूर यूनियन ने मंत्री के बेटे की इस हरकत के खिलाफ तुरंत मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की है। उधर, रजत का कहना है कि कुछ चुनिंदा लोगों के कहने पर विभाग चुनिंदा लोगों को ही मनरेगा की योजना का लाभ दे रहा है। इन शिकायतों पर एक प्रतिनिधिमंडल श्रम विभाग के मंडी कार्यालय गया था। जिसमें मनरेगा मजदूर और पंचायत प्रतिनिधि भी शामिल रहे।
उन्होंने आरोप लगाए गए थे कि कुछ चुनिंदा लोग विभाग के कुछ कर्मचारियों की शह पर गलत उगाही कर रहे हैं। मनरेगा मजदूरों की रजिस्ट्रेशन बुक की रिन्यू के लिए मनमानी कीमतें वसूली जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इसमें विजिलेंस की जांच होनी चाहिए ताकि असलियत सामने आ सके। विपक्ष का काम सिर्फ षड्यंत्र रचना है। बता दें कि बीते 27 दिसंबर 2019 को मंडी के सेरी मंच पर आयोजित कार्यक्रम में आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह, सांसद रामस्वरूप शर्मा ने आश्रय के पिता एवं सदर के भाजपा विधायक अनिल शर्मा को खूब खरी-खोटी सुनाई थी। क्योंकि अनिल शर्मा ने सीएम जयराम ठाकुर के दो साल का समय यह कहकर मांगा था कि वह मंडी की तस्वीर बदल देंगे।