पावंटा साहिब : शिलाई हाईवे के धंसने की घटना लगातार विकराल रूप धारण करती जा रही है। ताजा जानकारी के मुताबिक हाईवे का एक हिस्सा 80 से 100 फुट तक धंस गया है। फिलहाल प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्था के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। सोमवार को एक गर्भवती महिला को ट्रैक्टर के माध्यम से नदी पार करवाई गई, दूसरी तरफ एंबुलेंस उपलब्ध थी।
बताया जा रहा है कि गर्भवती महिला सखोली में अपने मायके गई थी, इसी बीच दर्द से कहराने लगी, इसके बाद उसे दूसरी तरफ पर जाने के लिए ट्रैक्टर की मदद ली गई। सतौन ट्रक यूनियन के प्रधान सतीश चौहान व राजेंद्र शर्मा ने लोगों को नदी पार करवाने के लिए निशुल्क ट्रैक्टर की सेवा उपलब्ध करवाई है। जानकारी यह भी मिल रही है कि सोमवार सुबह से अब तक लगभग ढाई सौ लोगों को ट्रैक्टर के माध्यम से नदी पार करवाई गई है। स्थिति ऐसी है कि लोग पैदल भी क्षतिग्रस्त हाईवे को पार नहीं कर सकते।
सवाल इस बात पर भी पैदा हो रहा है कि जब धर्मशाला की ग्लोबल मीट के लिए सरकार चार्टर प्लेन व हेलीकॉप्टर रेंट पर ले सकती है तो इस तरह की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सरकार एक हेलीकॉप्टर की व्यवस्था सिरमौर में क्यों नहीं कर सकती। हेलीकॉप्टर को शिलाई के नाया हेलीपैड के अलावा पावंटा साहिब में स्टेशन किया जा सकता है। परिस्थितियां ठीक वैसे ही हैं जैसे ट्राईबल इलाकों में बर्फबारी के दौरान पैदा हो जाती है।
हैरान कर देने वाली बात यह है कि अब तक सरकार ने अपने स्तर पर इस मामले का कोई खास संज्ञान नहीं लिया है, केवल प्रशासन ही अपने स्तर पर जुड़ा हुआ है। दीगर बात यह भी है कि रविवार को एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने हीं सिरमौर के जिलाधीश आरके परुथी को इस घटना के बारे में जानकारी दी थी। हाईवे के धंसने से हजारों ग्रामीण प्रभावित हो गए हैं।
बताया जा रहा है कि वैकल्पिक मार्ग भी छोटे वाहनों के लिए ही बहाल हो सकेगा। फिलहाल इस मार्ग पर दो जेसीबी मशीनों को लगाकर मार्ग चौड़ा किया जा रहा है। हाईवे के अवरुद्ध होने की वजह से माइनिंग क्षेत्र पर भी गहरा असर पड़ सकता है। प्रशासन ने इस बात को स्वीकार कर लिया है कि क्षतिग्रस्त हाईवे को बहाल करने के लिए दो सप्ताह का वक्त लग सकता है। अगर हाईवे के धंसने का सिलसिला जारी रहता है तो उस सूरत में समय और अधिक लगेगा। आपातकालीन स्थिति में हालत और अधिक खराब होने की आशंका जताई जा रही है।