नितेश सैनी/सुंदरनगर
जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर गोहर उपमंडल के चैलचौक के समीप बाग गांव का नीलमणि पिछले 2 वर्ष से बिस्तर पर अचेत अवस्था में पड़ा हुआ है। इस खबर को जैसे ही मीडिया द्वारा प्रकाशित किया गया तो प्रशासन तुंरत नीलमणि के घर जा पहुँचा और हालात जाना। प्रशासन के आदेश पर जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव ओपी भाटिया ने अन्य अधिकारियों सहित पीड़ित नीलमणि के घर जाकर हालात का जायजा लिया।
रेडक्रॉस सोसायटी ने नीलमणि का हिम केयर कार्ड बनवाया। जल्द ही मेडिकल बोर्ड टीम नीलमणि के घर जाकर दिव्यांगता प्रमाण पत्र तैयार करेगी। दिव्यांगता के आधार पर ही राहत नियामावली के अंतर्गत आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। एडीसी आशुतोष गर्ग व रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव ओपी भाटिया ने कहा कि पीड़ित के तुरंत उपचार के लिए रेडक्रॉस सोसायटी आर्थिक सहायता उपलब्ध करवा रही है। जिससे अविलंब नीलमणि का उपचार शुरू करवाया जा सके।
उन्होंने कहा कि नीलमणि को उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने बारे संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए जा रहे हैं। दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनने के उपरांत शीघ्र ही नीलमणि को दिव्यांगता पेंशन उपलब्ध करवाई जाएगी। पीड़ित नीलमणि को घर उपलब्ध करवाने बारे भी संबंधित विभाग को निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
2 वर्ष पहले जीप दुर्घटना में हुआ था घायल, टूटी थी स्पाइनल कॉर्ड
बता दें कि नीलमणि पिछले लगभग 2 वर्षों से बिस्तर पर अचेत अवस्था में पड़ा हुआ है। अपनी छोटी से छोटी जरूरत को पूरा करने के लिए औरों पर मोहताज है। नीलमणि एक छोटे से घर में रहता है। वह आईआरडीपी से संबंध रखता है। वह अपने परिवार का लालन-पालन करने वाला एकमात्र व्यक्ति था। लेकिन लगभग 2 वर्ष पहले रोहांडा में जीप दुर्घटना में घायल हुआ था, जिसमें नीलमणि की स्पाइनल कॉर्ड टूट गई। नीलमणि के शरीर में हरकत होनी समाप्त हो गई।
वहीं आज दिन तक नीलमणि का विकलांगता प्रमाण पत्र भी प्रशासन द्वारा नहीं बनाया गया है। नीलमणि के परिवार में पत्नी व दसवीं कक्षा में पढने वाला एक बेटा है जो राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चच्योट में शिक्षा ग्रहण कर रहा है। प्रभावित नीलमणि की पत्नी प्राईमरी कक्षा तक ही पढ़ी लिखी हैं। गांव में नरेगा के अंतर्गत कार्य कर अब अपने परिवार का पेट पाल रही है। नीलमणि की खराब हालत के कारण परिवार के एक सदस्य को हमेशा उसके पास रहना पड़ता है।
जिस दिन नीलमणि की पत्नी नरेगा के कार्य के लिए जाती है तो उस दिन उसके बेटे को स्कूल से छुट्टी कर घर पर नीलमणि की देखभाल के लिए रूकना पड़ता है। नीलमणि का प्रारंभिक ईलाज सुंदरनगर अस्पताल, आईजीएमसी शिमला व पीजीआई चंडीगढ़ में हुआ। मगर परिवार आर्थिक तंगी के कारण आगे का इलाज नहीं करवा पाया और वापिस घर लौट आया। गरीबी के कारण परिवार नीलमणि का ईलाज करवाने में असमर्थ है। पीड़ित परिवार ने अपनी खराब हालत को लेकर प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगाई थी।