वी कुमार/मंडी
प्रदेश में इन दिनों ओवरलोड़ यात्री वाहनों का मामला गर्माया हुआ है। पुलिस व संबधित विभाग इस दिशा में बंजार बस हादसे के बाद से पुरे प्रदेश में चालान कर रहे हैं। बावजूद इसके कुछ चालक हैं कि जान को खतरे में डालकर ओवरलोड़ कर वाहनों को दौड़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं। पराशर हादसे में भी दुर्घटनाग्रस्त वाहन ओवरलोड था। चांदी कूटने के लिए 10 लोगों की क्षमता वाले वाहन में बच्चों समेत 17 लोग ठूंसे गए थे।
हादसे ने 10 वर्षीय बच्चे और 45 वर्षीय महिला की जान ले ली। ऐसे में प्रदेश सरकार के ओवरलोडिंग से निपटने के अभियान पर भी सवाल उठ रहे हैं। दुर्घटनाग्रस्त टैंपो ट्रैवलर की आरसी में साफ हो रहा है कि वाहन की यात्री क्षमता 10 थी, जबकि पुलिस के अनुसार इस वाहन में बच्चों समेत कुल 17 लोग सवार थे। प्रदेश सरकार की लाख कोशिशें ओवरलोडिंग को रोक नहीं पा रही हैं। बसों में ओवरलोडिंग कुछ हद तक कम हुई है, लेकिन छोटे वाहनों में भेड़ बकरियों की तरह ठूंसे जा रहे लोग नियमों को सीधे तौर पर धत्ता दिखा रहे हैं। सीएम के गृह जिला के धार्मिक पर्यटन स्थल पराशर के लिए बस सेवा भी नाममात्र है। ऐसे में पर्यटकों व श्रद्धालुओं को टैक्सी का सहारा लेना पड़ता है। चांदी कमाने के चक्कर में टैक्सी आपरेटर भी ओवरलोडिंग करते हैं। एसपी मंडी गुरदेव शर्मा ने कहा कि वाहन में बच्चों के साथ 17 लोग सवार थे। उन्होंने माना कि वाहन ओवरलोड था। उन्होंने कहा कि शुरूआती जांच में चालक की लापरवाही पाई है। आरोपी चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले में छानबीन जारी है।
अचानक पीछे की ओर चल पड़ी गाड़ी
पराशर सड़क हादसे में दुर्घटना के कारण साफ हो गए हैं। पुलिस जांच में सामने आ आया है कि चालक गाड़ी को साइड में खड़ी कर पेशाब करने के लिए उतरा था। इस बीच गाड़ी अचानक पीछे की तरफ चलना शुरू हो गई। चालक तब तक कुछ कर पाता इस बीच गाड़ी खाई में जा गिरी। हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि बच्चे ने गियर को न्यूट्रल में कर दिया। जिससे गाड़ी पीछे की तरफ चलना शुरू हो गई। ऐसे में गाड़ी में लगी हैंडब्रेक को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। हालांकि पुलिस जांच में सभी तथ्य साफ होंगे, लेकिन शुरूआती जांच में हादसे का कारण दिल दहला देने वाला है। चालक की छोटी सी लापरवाही दो जानें लील गई है। जबकि कई घायलों का अस्पताल में उपचार चल रहा है।