वी कुमार/मंडी
हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने चेयरमेन एवं प्रबंधन निदेशक पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लि. को नोटिस भेज कर 15 दिन के अंदर अंदर हिमाचल में चल रही शानन परियोजना जोगिंदरनगर के बरोट स्थित बैराज से उहल नदी में सिल्ट छोडऩा बंद करें व एनजीटी के आदेशों के अनुसार हर समय 15 प्रतिशत पानी छोडऩा सुनिश्चित करें अन्यथा उनके खिलाफ प्रिवेंशन एंड पोलुशन कंट्रोल एक्ट 1974 के तहत कार्रवाई की जाए। इस एक्ट
के तहत उल्लंघन करने वाले को दस हजार रुपए तक जुर्माना व 6 महीने तक कैद हो सकती है।
बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ आर के प्रुथी द्वारा भेजे गए इस नोटिस में कहा गया है कि मंडी के नरेंद्र कुमार सैणी व स्थानीय लोगों की लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनजर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने एक विशेषज्ञ उच्च स्तरीय टीम ने बीते 26 दिसंबर से लेकर 29 दिसंबर तक बरोट का दौरा किया और स्थानीय लोगों व प्रबंधन से बातचीत करके व मौके पर निरीक्षण में पाया कि बरोट बैराज से उहल नदी में सिल्ट को छोड़ा जा रहा है और एनजीटी के जो 9 अगस्त 2017 के आदेश हैं जिसके अनुसार किसी भी बांध से हर समय 15 प्रतिशत पानी छोड़े जाना जरूरी किया गया है। सदस्य सचिव ने अपने नोटिस साफ तौर पर कहा है कि यह प्रदूषण नियंत्रण नियमों का सरासर उल्लंघन है।
आदेश दिए गए हैं कि 15 दिनों के अंदर अंदर सिल्ट को रोकें व कम से कम 15 प्रतिशत पानी छोड़े अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा 3 जनवरी को जारी इस पत्र की प्रतियां डीसी मंडी, एडीएम मंडी, निदेशक उर्जा विभाग, सहायक निदेशक मतस्य, रेजीडेंट इंजीनियर शानन पावर हाउस , पर्यावरण अभियंता बिलासपुर, उपप्रधान बरोट व नरेंद्र सैणी मंडी को भेजी गई हैं।
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