शिमला (एमबीएम न्यूज) : प्रदेश सरकार लोक सेवा गारंटी अधिनियम के प्रावधानों की अनुपालना सुनिश्चित बनाने के लिए ठोस पग उठा रही है। इस के दृष्टिगत संबंधित विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने राज्य में 31 जनवरी, 2015 से सरकारी विभागों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए लिए जाने वाले शपथ पत्र की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है, जिससे लोगों को बड़ी राहत मिली है। हिमाचल इस तरह की पहल करने वाला देश का पहला राज्य है।
सचिव, प्रशासनिक सुधार पूर्णिमा चौहान आज यहां लोक सेवा गारंटी अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहीं थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 65 सेवाओं को इस अधिनियम के दायरे में लाया गया है, जबकि 10 अतिरिक्त सेवाओं भी इसमें शामिल की गई हैं।
20 विभागों में नोडल अधिकारी तैयार किए गए हैं। वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से भी जन शिकायतों की सुनवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित बनाया जाएगा कि हर विभाग नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा ताकि अधिनियम के प्रावधानों को प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके। इसके लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
राज्य तकनीकी निदेशक, एनआईसी अजय चहल, जन शिकायत निवारण के अतिरिक्त सचिव डॉ. राजीव कपूर ने भी बैठक में अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को लेकर अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।