नितेश सैनी / सुंदरनगर
नागरिक चिक्तिसालय में प्रतिदिन 600 से अधिक मरीज़ो की ओपीडी होती है,लेकिन यहाँ पर दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्रों से भी मरीज इलाज करवाने आते हैं। मरीजों के तिमारदारों को अस्पताल की गैलरी, वार्ड के फर्श और अस्पताल कैंपस में खुले आसमान के नीचे ठंड में रात गुजारते हुए आम देखा जा सकता है। गरीबों व नागरिक चिक्तिसालय में मरीजों के साथ आने वाले परिजनों को रात में आराम करने की सुविधा मुहैया करवाने के लिए 3 मई 2005 को तत्कालीन (वीरभद्र) सरकार द्वारा ललित चौक पर अस्पताल के समीप नगर परिषद के रैन बसेरा भवन का उद्घाटन किया गया। लेकिन कुछ समय तक कार्य करने के बाद लोगों की सुविधा को अनदेखा कर रैन बसेरा विभिन्न सरकारी विभागों को जरूरत के अनुसार किराये पर दे दिया गया,मरीज अस्पताल के फर्श पर सोने को मजबूर हो गए।
15 जुलाई 2014 से 31 जुलाई 2017 तक रैन बसेरा को पुलिस विभाग के पास बतौर अस्थाई सुंदरनगर पुलिस स्टेशन दे दिया गया,लेकिन इन 3 वर्षों में पुलिस विभाग नगर परिषद सुंदरनगर को किराये का भुगतान करना ही भूल गया। हैरानी की बात यह भी रही,उपरोक्त समय अवधि के दौरान पुलिस विभाग ने रैन बसेरा में लगी बिजली व पानी के बिलों का भुगतान भी नहीं किया जिस का भुगतान भी नगर परिषद द्वारा खुद किया गया है। इसके उपरांत रैन बसेरा निर्वाचन विभाग के हवाले कर दिया गया और अभी कुछ समय पहले ही रैन बसेरा नगर परिषद को वापिस मिला है। रैन बसेरा भवन का इस प्रकार विभिन्न विभागों को किराए पर देने से इसकी हालत दयनीय हो गई है। वर्तमान में इसका भवन रहने लायक नहीं बचा है। कई जगह बिजली की तारें गायब हैं तो कई जगह दरवाजे व खिड़कियां टूटी हुई हैं। स्थानीय लोगों व मरीजों के परिजनों ने प्रशासन, नगर परिषद सुंदरनगर व प्रदेश सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द रैन बसेरा का नवीकरण कर सुविधा प्रदान की जाए। अब देखना होगा की क्या मरीज़ो के परिजनों को रैन बसेरा में रहने की सुविधा मिलेगी भी यह उन्हें अस्पताल के फर्श पर ही सर्द राते गुजारनी होगी।
पूर्व पाषर्द पंडित अरुण आर्य ने बताया की 2005 में कांग्रेस सरकार ने रैन बसेरा का उद्घाटन किया जिसे नगर परिषद द्वारा चलाया जा रहा था। यह रैन बसेरा मरीजों के साथ आये परिजनों के लिए बनाया गया था ताकि लोगो को सस्ते दाम पर रहने के लिए रैन बसेरा उपलब्ध हो सके लेकिन इसे बंद कर दिया गया और पुलिस विभाग को थाना चलाने के लिए ठेके पर दे दिया गया। जिसकी बजह से इसकी हालत खस्ता हो चुकी है। अरुण आर्य ने बताया की जब सत्ता में कांग्रेस की सरकार थी तो इसे सुचारू रूप से चलाया जा रहा था।
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक शर्मा ने बताया की रैन बसेरा नगर परिषद के पास वापिस आ गया है और इसका नवीकरण का कार्य प्रगति पर है। इसका संचालन नगर परिषद द्वारा ही किया जाएगा। जल्दी ही अपनी पुरानी तर्ज पर रैन बसेरा कार्य करना शुरू कर देगा। ताकि मरीज़ो के तिमारदारों को 10 और 20 रूपये में यहाँ रहने की सुविधा मिल सके।
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