वी कुमार/मंडी
बीमारी के कारण कभी जो लड़का खुद को चोटिल करता रहता था वो अब ठीक होने लगा है। मंडी निवासी 16 वर्षीय पीयूष की सेहत में सुधार हो रहा है। पीयूष को सीएम जयराम ठाकुर और वन मंत्री गोबिंद सिंह ठाकुर के प्रयासों से बेहतर उपचार मिल पा रहा है। मंडी शहर के समखेतर वार्ड निवासी पीयूष अब खुद को चोटिल नहीं करता। पीयूष अब परिवार के साथ उठता-बैठता है। जितना हो सके अपनी छोटी बहन के साथ खेलता भी है। यह सब संभव हो पाया है पीयूष को मिल रहे बेहतर उपचार के कारण।
दरअसल पीयूष एक ऐसी बीमारी से ग्रसित था जिसके तहत वह खुद को चोटिल करता रहता था। बचपन में ही पीयूष इस बीमारी की चपेट में आ गया था। इसके 66 वर्षीय बुजुर्ग पिता को यह समझ नहीं आ रहा था कि अपने बच्चे का उपचार किसके पास और कैसे करवाएं। मीडिया के माध्यम से यह मुद्दा सीएम जयराम ठाकुर तक पहुंचा। जयराम ठाकुर ने वन एवं परिवहन मंत्री गोबिंद सिंह ठाकुर को पीयूष के घर भेजकर हर संभव मदद करने के निर्देश दिए। बीती 12 जुलाई की रात को गोबिंद ठाकुर पीयूष के घर पहुंचे और यहां सारी स्थिति को जाना। यहीं से उन्होंने पीयूष के पिता की सीएम के साथ फोन पर बात भी करवाई। चंडीगढ़ में विशेषज्ञों से भी बात की।
उसके बाद पीयूष के पिता को आर्थिक मदद करके पीयूष को उपचार के लिए चंडीगढ़ भेजा। चंडीगढ़ में विशेषज्ञ डाक्टरों ने पीयूष की बीमारी को सही ढंग से समझा और उसका उपचार शुरू किया। अब उसका नतीजा यह निकला कि पीयूष की सेहत में 15 प्रतिशत का सुधार हुआ है। पीयूष के पिता दिनेश कुमार ने मदद करने के लिए सीएम जयरराम ठाकुर, वन मंत्री गोबिंद सिंह ठाकुर और मीडिया सहित अन्य मददगारों का आभार जताया है। पीयूष के उपचार का सारा खर्च वन मंत्री गोबिंद सिंह ठाकुर अपने स्तर पर कर रहे हैं। राज्य सरकार ने पीयूष के उपचार के लिए दो लाख की धनराशि अलग से जारी कर दी है। पीयूष के पिता इस बुढ़ापे में बेटे के उपचार में अपना सबकुछ दांव पर लगा चुके हैं। ऐसे में उन्हें पीयूष को पूरी तरह से ठीक करने में अभी कई दानी सज्जनों की मदद की दरकार है।
दिनेश कुमार बताते हैं कि चंडीगढ़ आने जाने का भारी खर्च हो रहा है। उनके पास इतना सामर्थ्य नहीं कि वह और खर्च उठा सकें। वहीं वन एवं परिवहन मंत्री गोबिंद सिंह ठाकुर कहा कि उन्होंने बच्चे के उपचार की चुनौती को स्वीकार किया है और वह इस चुनौती को पूरा करके रहेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चे के उपचार में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। जिस तरह से पीयूष की सेहत में सुधार हो रहा है, उससे परिवार को एक नई ऊर्जा मिल रही है। जो बच्चा 16 वर्षों से बिस्तर पर ही पड़ा रहता था वो अब उस चारदिवारी से बाहर निकल रहा है। यदि आप भी इस पुनीत कार्य में अपना योगदान देना चाहते हैं तो पियूष के पिता दिनेश कुमार या फिर वन मंत्री गोबिंद सिंह ठाकुर से सीधे संपर्क कर सकते हैं।