एमबीएम न्यूज़/शिमला
धारा-118 के तहत भूमि खरीदने की मंजूरी के लिए लाखों रुपए के लेन-देन के आरोपों से घिरे पूर्व मुख्य सचिव और वर्तमान में राज्य चुनाव आयोग के अध्यक्ष पी. मित्रा के वायॅस सैंपल लेने के मामले पर बुधवार को अदालत में सुनवाई टल गई। जिला एवं सत्र न्यायाधीश (वन) की अदालत में अब यह सुनवाई 24 अक्तूबर को होगी। जांच एजेंसी विजिलेंस ने पी. मित्रा के वायॅस सैंपल हासिल करने के लिए अदालत में अर्जी लगाई है। इससे पहले 04 अक्तूबर को भी वायस सैंपल मामले की सुनवाई टल चुकी है।
इस मामले में विजिलेंस पी. मित्रा को दो बार अपने कार्यालय में बुलाकर पूछताछ कर चुकी है। लेकिन पूछताछ के दौरान कोई तथ्य विजिलेंस के हाथ नहीं लगा। विजिलेंस ने एक पत्र भी राज्य सरकार को भेजा है, जिसमें मित्रा को इस केस में आरोपी बनाने संबंधी मंजूरी मांगी गई है। लेकिन ये मंजूरी अभी मिली नहीं है। बता दें कि यह मामला आठ साल पुराना है, जब प्रदेश में धूमल सरकार काबिज थी। उस वक्त धारा 118 की मंजूरी देने के बदले रिश्वत लेने संबंधी एक ऑडियो विजिलेंस के पास है।
विजिलेंस इस ऑडियो में पी. मित्रा की आवाज होने का दावा कर रहा है और इसकी पुष्टि के लिए वह मित्रा के वायस सैंपल लेना चाह रहा है। इसी मामले में विजिलेंस ने साल 2010-11 में एफआईआर भी दर्ज की थी। इसमें दो कारोबारियों को नामजद किया गया है। इन कारोबारियों से विजिलेंस तीन बार पूछताछ कर चुकी है।