एमबीएम न्यूज़ /नाहन
पार्टी से बागी हुए नेता के मैदान में उतरने के बावजूद भाजपा ने मिल्कफैड सिरमौर निदेशक पद जीतने में कामयाबी हासिल की। निदेशक पद के लिए भाजपा के बागी नेता व पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष भूपेंद्र भंडारी के अलावा कांग्रेस के धर्म सिंह तथा भाजपा के मदन सिंह ठाकुर के बीच तिकोना मुकाबला था। जिसमें भाजपा उम्मीदवार ने कुल 26 मतों में से 19 सदस्यों का समर्थन प्राप्त कर न केवल बागी उम्मीदवार बल्कि कांग्रेस को भी आईना दिखाया।
भाजपा ने मदन सिंह ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया तो भाजपा नेता भूपेंद्र सिंह भंडारी बागी तेवर अपनाते हुए आजाद उम्मीदवार के तौर पर मैदान में कूद गए। लेकिन बाद में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष बैठ गए। बागी नेता भूपेंद्र सिंह भंडारी का गणित बिगड़ गया, यही कारण है कि वह खुद को भी अपना मत नहीं दे पाए। इससे जहां विधायक सुरेश कश्यप का कद बढ़ा है। वहीं वरिष्ठ नेता बलदेव सिंह भंडारी भी अपनी साख बचाने में कामयाब रहे। भाजपा ने कांग्रेस से इस पद को छिनकर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। इस चुनाव का मजेदार पहलू यह रहा कि कांगेस पार्टी जो 14 सदस्यों का दावा कर रही थी, वो महज 7 मतों पर सिमट गई। गौरतलब है कि मिल्कफेड निदेशक के चुनाव को लेकर तीनों ही उम्मीदवार पच्छाद हल्के से थे। क्योंकि डील की वजह से कांग्रेस उम्मीदवार को वोट दिया। कहा जाए, तो उनका पूरा खेल कांग्रेस प्रत्याशी पर निर्भर था। बागी नेता विधानसभा चुनाव के समय से ही पच्छाद मंडल में हाशिये पर थे। यही कारण है कि इस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को 19,कांग्रेस को 7 जबकि बागी नेता एक भी मत नहीं ले पाए।
Latest
- कांगड़ा में HRTC चालक की हार्ट अटैक से मौत
- नामांकन वापसी के उपरान्त चुनावी मैदान में 13 उम्मीदवार
- हिमाचल उपचुनाव : तीन सीटों पर 13 प्रत्याशियों के बीच जंग, आधा दर्जन निर्दलीय आज़मा रहे किस्मत
- संगड़ाह : आधी रात को हो रही थी पाइपों की चोरी, चौकीदार की मुस्तैदी से खाकी के हत्थे चढ़े 6 चोर
- सिरमौर जिला एक दिवसीय चैम्पियनशिप : स्कॉलर्स होम ने कोलर को हराकर जीता खिताब