एमबीएम न्यूज़/शिमला
राजधानी के बहुचर्चित युग अपहरण व हत्याकांड मामले को लेकर सजा की घोषणा सोमवार को की जाएगी। हत्याकांड में तीन युवक दोषी हैं। 6 अगस्त को पिछली सुनवाई के दौरान जिला व सत्र न्यायालय ने चंद्र, तेजेंद्र और विक्रांत को 302 (हत्या), अपहरण (364), बंधक बनाना (347) और धारा 120 बी हत्या का षडयंत्र रचने और 201 सबूत मिटाने की धाराओं के तहत दोषी ठहराया थे। अदालत में एक साल से अधिक समय तक चले ट्रायल में 100 से अधिक गवाह पेश हुए थे।
अदालत के फैसले पर पूरे शहर के लोगों की नजर टिकी है। चार साल के मासूम युग को जिस बर्बरता से मौत के घाट उतारा गया था, उससे शहरवासी सन्न रह गए थे। आरोपियों को अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद युग के परिजनों ने कहा है कि वे न्यायालय के निर्णय से संतुष्ठ हैं और हत्यारों को फांसी से कम सजा न मिलने के पक्ष में हैं।
अपने फैसले में जिला व सत्र न्यायाधीश विरेंद्र सिंह ने 800 पन्नों की जजमेंट दी थी। तीनों आरोपी युग के परिजनों के जान-पहचान वाले थे। दो तो युग के पड़ोसी ही थे। चार साल पहले 14 जून 2014 को राजधानी के रामबाजार से एक व्यापारी विनोद कुमार गुप्ता का 4 साल का युग लापता हो गया था। पुलिस ने काफी जांच की, लेकिन जब सफलता नहीं मिली तो यह मामला सीआईडी के पास गया।
20 अगस्त 2016 को 4 साल के बच्चे युग का शव लांगवुड के समीप स्थित कैल्सटन में एक बावड़ी से बरामद हुआ है। सीआईडी ने युग अपहरण मामले में दो आरोपी चंद्र और तेजेन्द्र को गिरफ्तार किया हुआ था। सीआईडी ने जब इन दोनों आरोपियों से पूछताछ की तो उन्होंने मुख्य आरोपी विक्रांत बक्शी का नाम लिया।
पूछताछ के दौरान विक्रांत ने कबूल किया की युग की हत्या करके उसका शव कैल्सटन में एक बावड़ी में फेंक दिया था। सीआईडी पुलिस विक्रांत के कहे अनुसार कैल्सटन में उक्त स्थान पर गयी और वहां स्थित बावड़ी के टैंक से युग का कंकाल बरामद किया।
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