शिमला (एमबीएम न्यूज़) : जांच एजेंसी सीआईडी ने बहुचर्चित युग अपहरण एवं हत्या केस के तीन आरोपियों चंद्र शर्मा, तेजेंद्र पाल और विक्रांत को यहां जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश किया। सुनवाई के लिए मामला आज न्यायालय में लगा था, लेकिन आरोपियों की ओर से अधिवक्ता पेश न होने पर मामले की सुनवाई टाल दी गई। इस मामले में अब 27 नवंबर को सुनवाई होगी।
अभियोजन पक्ष की ओर से अब तक 111 गवाहों को न्यायालय में पेश किया जा चुका है। 27 नवंबर को अगली सुनवाई के दौरान भी कुछ गवाह पेश किए जाने हैं। प्रदेश को झकझोर कर रखने वाले इस मामले में जांच एजेंसी सीआईडी ने 25 अक्टूबर 2016 को न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी। 3 साल का मासूम युग 14 जुन 2014 को अचानक लापता हो गया था। वह राम बाजार के एक कारोबारी का बेटा था। इस मामले की शुरूआती जांच पुलिस ने की थी, लेकिन इसे सुलझाने में नाकाम रहने पर यह मामला जांच के लिए सीआईडी को सौंप दिया गया था।
सीआईडी ने इस मामले की पड़ताल शुरू की और और मृतक के पिता के घर पर कार्य करने वाले सभी नौकरों की पूछताछ हुई। उनका नार्को टैस्ट हुआ जिसमें चंद्र नामक आरोपी का सबूत मिला। चोरी के केस में जब्त किए गए आरोपी के मोबाइल डाटा को फोरैंसिक विशेषज्ञों की मदद से रिट्रीव किया गया। आरोपी नए फोन का इस्तेमाल नहीं करते थे। वे पुराने सिम से ही मृतक के पिता के फोन पर बात करते थे।
सीआईडी के लिए युग अपहरण और हत्या मामले की गुत्थी सुलझाना आसान नहीं था। इस कार्य में सीआईडी के डीआईजी विनोद धवन की बड़ी भूमिका रही। उनकी टीम ने दिन-रात मेहनत कर जांच को तार्किक अंत तक पहुंचाया।