मंडी (वी कुमार) : जो पशुपालक अपने पशुओं के लिए द्रंग के चट्टानी नमक का इंतजार कर रहे हैं उन्हें बरसात से पहले यह नमक मिलना शुरू हो जाएगा। द्रंग स्थित नमक खान में 15 मीटर और खुदाई के बाद नमक निकलने का सिलसिला शुरू होने वाला है।
लंबे समय से सुनी पड़ी द्रंग की नमक खानों में अब फिर से बहार लौटने वाली है। यहां पर एक बार फिर से नमक निकलने का सिलसिला शुरू होने जा रहा है। बता दें कि केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों से द्रंग में बंद पड़ी नमक खानों को फिर से शुरू किया गया है जिसके चलते अब यहां पर फिर से चट्टानी नमक निकलने का कार्य शुरू हो पाया है।
मौजूदा समय में जहां पर नमक निकालने के लिए खुदाई हो रही है, वहां पर 15 मीटर तक खुदाई हो चुकी है। हिन्दुस्तान साल्ट लिमिटेड के सीएमडी एसपी बंसल की मानें तो मात्र 15 मीटर और खुदाई के बाद नमक निकलने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि सबसे पहले निकलने वाले नमक की सप्लाई प्रदेश के पशुपालकों को की जाएगी, ताकि वह पशुओं को इस नमक का सेवन करवा सकें। उन्होंने उम्मीद जताई कि बरसात से पहले नमक निकालने का प्रोसेस शुरू हो जाएगा ताकि बरसात में कोई परेशानी न झेलनी पड़े।
गुम्मा और द्रंग में नमक निकालने का प्रोसेस दो चरणों में पूरा किया जाना है। पहले चरण का कार्य शुरू हो चुका है जबकि दूसरे चरण में साल्युशन माइनिंग का कार्य शुरू होना है। साल्युशन माइनिंग के लिए दो बैठकों का आयोजन हो चुका है जबकि तीसरी बैठक आने वाले समय में होनी है, जिसके बाद उस जमीन का चयन किया जाएगा जहां पर यह कार्य शुरू होना है।
भारत सरकार नमक निकालने के प्रोजैक्ट पर 300 करोड़ की राशि को खर्च कर रही है और इसके दूसरे चरण का कार्य शुरू होने पर करीब दो हजार लोगों को रोजगार का अवसर भी मिलने जा रहा है। सांसद राम स्वरूप शर्मा की मानें तो सबसे पहले नमक निकलने का इंतजार किया जा रहा है और नमक निकलते ही आगे के कार्यों की शुरूआत कर दी जाएगी। मंडी जिला के गुम्मा और द्रंग में चट्टानी नमक की खानें प्राकृतिक हैं और वर्षों से प्रदेश के लोग यहां के नमक का इस्तेमाल करते आ रहे थे। लेकिन बीते कुछ वर्षों से यहां से नमक निकालने का कार्य बंद हो गया था जिसके चलते अब विदेशों से चट्टानी नमक को आयात करना पड़ रहा है। अब जब खानों में दोबारा से काम शुरू हुआ है तो बरसात से पहले नमक निकलने की आस भी जग गई है।