सोलन (एमबीएम न्यूज़) : केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कौल सिंह ठाकुर की गरिमामयी उपस्थिति में सोलन जिले के नालागढ़ उपमण्डल के बद्दी में केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के उप क्षेत्रीय कार्यालय की आधारशिला रखी। 10 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले इस कार्यालय के निर्माण कार्य को एक वर्ष में पूरा किया जाएगा।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि केन्द्र सरकार ने देश तथा विभिन्न प्रदेशों में औषधि नियामक अधोसरचना को सुदृढ़ करने के लिए 1750 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। उन्होंने कहा कि इसमें से 30 करोड़ रुपये हिमाचल प्रदेश के लिए स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने देश में खाद्य सुरक्षा के आधार एवं पैमाने को सुदृढ़ करने के लिए 8 करोड़ रुपये हिमाचल प्रदेश के लिए स्वीकृत किए हैं। केन्द्रीय औषधि प्रयोगशाला कसौली को 30 करोड़ रुपये व्यय कर विश्व स्वास्थ्य संगठन सहायक केन्द्र के रूप में स्तरोन्नत किया जा रहा है।
जेपी नड्डा ने कहा कि जैनरिक दवाईयों को प्रोत्साहित करने का मूल उद्देश्य लोगों को सस्ते दामों पर गुणवत्तायुक्त औषधियां उपलब्ध करवाना है। उन्होंने कहा कि इस कार्य की सफलता के लिए विभिन्न सरकारों एवं देश के विभिन्न औषधि उत्पादन संघों को मिलकर कार्य करना होगा।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि श्रेष्ठ उत्पादन एवं श्रेष्ठ प्रयोगशाला क्रिया के लिए शीघ्र ही हिमाचल प्रदेश में एक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुणवत्तायुक्त औषधियों के निर्माण में हिमाचल प्रदेश किसी पहचान का मोहताज नहीं है। उन्होंने हिमाचल औषधि निर्माण संघ से आग्रह किया कि विभिन्न दवाओं के निर्माण में मानकों का स्तर बनाए रखें। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार संघ की विभिन्न मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। उन्होंने प्रदेश में स्थापित विभिन्न उद्योगों से आग्रह किया कि कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत लोगों को स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर जागरूक बनाएं।
हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने इस अवसर पर कहा कि सभी प्रदेशवासियों को गुणात्मक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रदेश सरकार वित्त वर्ष 2017-18 में स्वास्थ्य सेवाओं पर 1720 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। हालांकि हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मानक एवं स्वास्थ्य सेवाएं देशभर में सर्वश्रेष्ठ हैं। किन्तु अभी भी इनमें और सुधार किया जाना बाकि है।
ठाकुर कौल सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य पर 26 हजार रुपये खर्च किए जा रहे हैं जोकि देशभर में सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की पूर्व यूपीए सरकार ने हिमाचल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से हमीरपुर, चम्बा तथा सिरमौर जिले के नाहन के लिए तीन चिकित्सा महाविद्यालय स्वीकृत किए थे। इन चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए 190-190 करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए गए थे।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र को एशिया के दवा हब के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में एक लाख करोड़ रुपये की दवाओं का उत्पादन किया जा रहा है। इसमें से 31 हजार करोड रुपये की दवाओं का उत्पादन हिमाचल प्रदेश में किया जा रहा है। हिमाचल में बनने वाली दवाओं में से 950 करोड़ रुपये की दवाएं विदेशों को निर्यात की जा रही है।
उन्होंने प्रदेश के दवा निर्माताओं से आग्रह किया कि वे दवा निर्माण की गुणवत्ता से कोई समझौता न करें तथा विभिन्न मानकों की अनुपालना सुनिश्चित बनाएं। उन्होंने दवा निर्माताओं से अनुरोध किया कि वे नशाखोरी को रोकने में हर संभव सहयोग दें।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार दवा उत्पादन को सुदृढ़ करने एवं दवा निर्माताओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2013 में ही बिक्री के लाईसेंस ऑनलाईन कर दिए थे। इस वर्ष से राज्य सरकार उत्पादन लाईसेंस को भी ऑनलाईन कर देगी। इससे विभिन्न कार्यों में दक्षता एवं पारदर्शिता बढ़ेगी।
ठाकुर कौल सिंह ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया कि हिमाचल प्रदेश के लिए बिलासपुर में स्वीकृत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान की आधारशिला शीघ्र रखी जाए। उन्होंने केन्द्र सरकार से यह अनुरोध भी किया कि देश के सभी राज्यों के लिए दवा निर्माण संबंधी नियमों को एक जैसा बनाया जाए ताकि हिमाचल प्रदेश के दवा उद्योग पर इन नियमों का विपरीत असर न पड़े। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के विशेष श्रेणी राज्य के दर्जे के दृष्टिगत औद्योगिक पैकेज को पुनः बहाल किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में दवा गुणवत्ता एवं नियंत्रण संस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रदेश में 22 और दवा निरीक्षकों की तैनाती की जाएगी। इससे दवा उद्योग को विशेष रूप से लाभ मिलेगा।
सांसद वीरेन्द्र कश्यप ने भी अवसर पर अपने विचार रखे।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में सयुक्त सचिव केएल शर्मा ने सभी का स्वागत किया।
केन्द्रीय महा औषधि नियंत्रक जीएन सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर विधायक राम कुमार चौधरी, गोविन्द राम शर्मा, केएल ठाकुर, डॉ. राजीव सहजल, हिमाचल प्रदेश के निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं कैप्टन रमन शर्मा, बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आदित्य नेगी, प्रदेश के औषधि नियंत्रक नवनीत मारवाह, जिला परिषद सदस्य शीला, नगर परिषद बद्दी के अध्यक्ष मदन चौधरी, नगर परिषद सोलन की उपाध्यक्ष मीरा आनन्द, भाजपा महिला राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रश्मिधर सूद, भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता रीतू सेठी, हिमाचल दवा उत्पादन संघ के अध्यक्ष एमडी गोयल, प्रदेश के दवा संघों के प्रतिनिधि, केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के अधिकारी, कर्मचारी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
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