बद्दी (एमबीएम न्यूज़): केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं उर्वरक राज्य मंत्री हंस राज गंगा राम अहिर के साथ आज सोलन जिला के बद्दी में केन्द्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईपीईटी) की आधारशिला रखी। यह संस्थान केन्द्र द्वारा 40.10 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित किया जा रहा है, जबकि हिमाचल सरकार द्वारा इस संस्थान के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध करवाने के साथ वर्ष2016-17 के बजट में दो करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
वर्तमान में सीआईपीईटी बद्दी तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान (बीटीटीआई) के परिसर में अस्थाई तौर पर कार्य कर रहा है। सीआईपीईटी केन्द्र का उद्देश्य प्लास्टिक उद्योग में कार्यरत कर्मियोंके कौशल एवं तकनीकी क्षमता को बढ़ाना है। संस्थान द्वारा शैक्षणिक सत्र 2015-16 से प्लास्टिक प्रौसेसिंग एवं टेस्टिंग में स्नातकोत्तर डिप्लोमा के अतिरिक्त प्लास्टिक प्रोसेसिंग,इंजेक्शन माॅडलिंग इत्यादि में कौशल एवं तकनीकी के स्तरोन्यन के लिए अल्पकालीन कार्यक्रम शुरू किए हैं।
केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार ने सीआईपीईटी की आधारशिला समारोह के दौरान जनसभा को सम्बोधित करते हुए बददी में बल्क ड्रग फार्मा पार्क और फार्मा टेस्टिंग लैब के लिए राष्ट्रीय फार्मासूटीकल शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के सेटेलाईट विस्तार केन्द्र स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बद्दी देशभर में औषधि उत्पादन केन्द्र के रूप में उभरा है और यहां पूरे एशिया की 35 प्रतिशत दवाओं का उत्पादन हो रहा है। उन्होंने कहा कि चीन से भारी मात्रा में दवाइयां आ रही है परन्तु इन औषधियों का बेस मेटीरियल भारत में तैयार किया जाता है और अब हिमाचल प्रदेश दवाओं के बेस मेटीरियल के उत्पादन का केन्द्र बनेगा।
उन्होंने कहा कि बल्क ड्रग पार्क अहमदाबाद और आन्ध्र प्रदेश में भी प्रस्तावित है और तीसरा पार्क हिमाचल प्रदेश के बद्दी में स्थापित करने की आज घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि सीआईपीईटी केन्द्र का अगले वर्ष उद्घाटन किया जाएगा तथा कहा कि हिमाचल ने औषधि उद्योग क्षेत्र में देश भर में अच्छा कार्य किया है। वर्तमान में देश भर के विभिन्न भागों में 28 सीआईपीईटी केन्द्र हैं और 11 केन्द्र उद्योगों की मांग पर स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 तक लगभग 1.16 मिलियनश्रमिकों की जरूरत होगी और भारत को 9 लाख प्लास्टिक इंजीनियिरिंग और प्रशिक्षित मजदूरों की आवश्यकता रहेगी।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार ने प्लास्टिक इंजीनियरिंग संस्थान के लिए इस वर्ष 2 जनवरी को प्रथम किस्त के तौर पर 50 लाख रुपए की राशि जारी की है ताकि यहां अधोसंरचना सृजित की जा सके। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 के बजट में सीआईपीईटी के लिए प्रदेश सरकार ने दो करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया है, जिसे पूर्व में जारी की गई धनराशि के उपयोग प्रमाण पत्र प्राप्त होने के उपरांत जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 166 करोड़ रुपये की 17 कौशल विकास परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इस परियोजना के तहत 50 हजार ग्रामीण युवाओं कोतीन वर्ष के दौरान विभिन्न टेªडों में प्रशिक्षित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगपतियों को प्रशिक्षित श्रमशक्ति उपलब्ध करवाने के लिए इस वर्ष फरवरी में 102.32 करोड़ रुपए से निर्मित होने वाले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के टूल रूम/प्रौद्योगिकी विकास केन्द्र की आधारशिला रखी गई, जहां पर उद्योगों की आवश्यकतानुसार युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री हंस राज गंगा राम अहिर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी कौशल विकास व मेक इन इंडिया अभियान पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि कौशल विकास व मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने का समय आ गया है। उन्होंने उद्योग मंत्री द्वारा रखी गई मांगों का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि कौशल विकास से जहां बेरोजगारों कोरोजगार उपलब्ध होगा, वहीं व्यक्तिगत आर्थिक स्तर में भी वृद्धि होगी।
उद्योग, सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने इस अवसर पर कहा कि राज्य में वर्तमान में लगभग 45,000 औद्योगिक इकाइयां कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सुनियोजित विकास के लिए बददी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है ताकि उद्यमियों तथा कामगारों को अधोसंरचनात्मक सुविधाएं प्रदान की जा सकें।