धर्मपुर : प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को जेट्रोफा की खेती से आर्थिक स्वावलंबन की ओर प्रेरित करने वाले ओएन हाजरी का निधन हो गया है। सूबे के निचले इलाकों में बंजर भूमि पर जेट्रोफा उगाकर बॉयोडीजल क्रांति का सपना देखने वाले हाजरी कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके निधन से धर्मपुर ही नहीं पूरे राज्य के बुद्धिजीवी वर्ग में शोक की लहर है। 7 फरवरी 1941 को धर्मपुर के संभ्रात परिवार में जन्मे हाजरी के पिता ठाकर दास हाजरी क्षेत्र के पहले बीडीसी चेयरमैन थे, जो लगातार पंद्रह वर्षों तक इस पद पर काबिज रहे।
उन्होंने बीएससी और फारेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट से स्नातक डिग्री हासिल की थी। करीब अढ़ाई साल अध्यापन कार्य करने के पश्चात उन्हें वर्ष 1966 में पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस परमार के गृह क्षेत्र बागथन में फारेस्ट रेंज अफसर के रूप में नियुक्ति मिली।वर्ष 1999 में वन मंडलाधिकारी के रूप में सेवानिवृत्त हुए। ओएन हाजरी के मन में प्रदेश के निचले हिस्से में एप्पल बैल्ट के आर्थिक विकल्प की तलाश थी। वर्ष 2002 में उन्होंने पढ़ा कि अमेरिका में गत दस साल से चालीस प्रतिशत गाड़ियां जेट्रोफा से मिलने वाले बॉयोडीजल से चलाई जा रही हैं।
उन्हें विकल्प मिल गया और उन्होंने बेरोजगार युवाओं के लिए बंजर भूमि में जेट्रोफा उगा कर आर्थिक स्वावलंबन का सपना देखा। हाजरी ने जेट्रोफा के बारे में राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश जाकर जानकारी एकत्रित की और ‘जेट्रोफा-एक अलौकिक पौधा’ नामक पुस्तक लिखी। जिसमें इसके आर्थिक महत्व का खुलासा किया। उनका मानना था कि बेरोजगार युवा बंजर और उजाड़ भूमि में जेट्रोफा की खेती से बॉयोडीजल तैयार कर देश के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
धर्मपुर में रोपे थे पांच हजार पौधे
ओएन हाजरी ने केंद्र से लेकर प्रदेश तक सटीक तथ्यों के साथ यह दावा किया था कि जेट्रोफा की खेती से गांव गांव में स्वरोजगार के साधन खुलेंगे, बेसहारा पशुओं और बंदरों से आतंकित किसान जेट्रोफा की खेती कर आर्थिक लाभ प्राप्त करेंगे।
माइनिंग के दोहरे मापदंड को भी चुनौती दी थी
ओएन हाजरी ने प्रदेश क्रशरज एसोसिएशन का गठन करके राज्य में माइनिंग पर सरकार के दोहरे मापदंड को चुनौती दे डाली थी।उनका कहना था कि आज भी कागजों में पुराने और नए हिमाचल के नाम पर कानूनी विसंगति मौजूद है। जिससे ओल्ड हिमाचल के लोगों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। क्योंकि इन लोगों को माइनिंग लीज के लिए दिल्ली के चक्कर काटने पड़ते हैं।इसके अलावा उन्होंने स्टेट सीनियर सिटीजन काउंसिल का गठन करके पेंशनरों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए हमेशा आवाज बुलंद की।
उनके निधन पर आइपीएच मंत्री ठाकुर महेंद्र सिंह ने बताया कि धर्मपुर ने एक सच्चा समाजसेवी खो दिया है जो बेरोजगार युवाओं के आर्थिक स्वावलंबन हेतु निरंतर प्रयासरत रहा।इसके अलावा केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल , परिवहन मंत्री गोबिंद सिंह ठाकुर,सांसद रामस्वरूप शर्मा, विधायक कर्नल इंद्र सिंह, विधायक अनिल शर्मा, विधायक प्रकाश राणा, विधायक राकेश जंबाल, विधानसभा के पूर्व स्पीकर ठाकुर गुलाब सिंह, भाजपा महामंत्री पंकज जम्वाल,, पूर्व मंत्री ठाकुर नत्था सिंह,पूर्व केबिनेट मंत्री रंगीला राम राव, पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी, सहकारी बैंक के निदेशक प्रियव्रत शर्मा, भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री रजत ठाकुर, कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रशेखर सहित कई सामाजिक संस्थाओं और पंचायत प्रतिनिधियों ने उनके देहांत पर दुःख प्रकट करते हुए प्रभावित परिवार के लिए गहरी संवेदना व्यक्त की है।