एमबीएम न्यूज़/मंडी/नाहन
2019 के लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह निर्वाचन क्षेत्र सिराज ने मत प्रतिशतता का रिकॉर्ड बनाया है। सीएम का गृह निर्वाचन क्षेत्र 81.53% मतों के साथ शिखर पर पहुंचा है। 68 विधानसभा क्षेत्रों में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्वाचन क्षेत्र में बंपर वोटिंग हुई है। सिराज विधानसभा क्षेत्र के कई हिस्से दुर्गम हैं। बावजूद इसके मतदाताओं का उत्साह जबरदस्त रहा। हालांकि पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता, लेकिन माना जा रहा है कि अपने विधायक को मुख्यमंत्री के पद पर देखकर मतदाता बेहद ही उत्साहित हुए होंगे। इसका नतीजा यह हुआ है कि सिराज ने तमाम विधानसभा क्षेत्रो को पछाड़ दिया है।
अब जहां तक मतदान प्रतिशतता में दूसरे स्थान का सवाल है तो बिलासपुर के नैना देवी विधानसभा क्षेत्र में 79.81% मतदान हुआ। हमीरपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल ठाकुर का निर्वाचन क्षेत्र नैना देवी दूसरे स्थान आंका गया है। बेहद ही मामूली अंतर से दून विधानसभा क्षेत्र को तीसरे स्थान पर रहना पड़ा। यहां 79.80% मतदान हुआ है। इसी तरह नालागढ़ में 79.53 % मतदान रिकॉर्ड हुआ, जबकि असेंबली स्पीकर डॉ राजीव बिंदल के नाहन विधानसभा क्षेत्र में 79.17% मतदान हुआ। अगर नाहन हल्के में महज 0.54% मतदान अधिक हुआ होता तो उस सूरत में विधानसभा स्पीकर का गृह हल्का दूसरे स्थान पर होता।
खास बात यह है कि तीसरा स्थान हासिल करने वाला विधानसभा क्षेत्र दून मात्र 0.1 % से पिछड़ा। केवल एक विधानसभा क्षेत्र में 81% से अधिक मतदान हुआ, जबकि 4 विधानसभा क्षेत्रों में 79% से अधिक मतदान दर्ज हुआ है। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र ही 75.03% के से एक नंबर पर रहा। वहीं मंडी संसदीय क्षेत्र में मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र सर्वश्रेष्ठ रहा। हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के गगरेट विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 77.44 % मतदान रहा। जहां तक शिमला संसदीय क्षेत्र का सवाल है तो दून विधानसभा क्षेत्र में बाजी मारी। बहरहाल अगले 24 घंटे के भीतर प्रत्याशियो की किस्मत का पिटारा खुल चुका होगा।
खास बात यह भी है कि प्रदेश में शीर्ष नेताओं के निर्वाचन क्षेत्रों में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए मतदाता जागरूक हो रहे हैं। इसमें भी कोई दो राय नहीं है प्रदेश के ओवरऑल वोटिंग प्रतिशतता सराहनीय रही है। लोकसभा चुनाव में अमूमन मतदाताओं के बीच इस तरह का उत्साह नहीं देखा जाता। जानकारों का यह भी कहना है कि अगर मतदाताओं में वोटिंग स्लिप को लेकर असमंजस पैदा नहीं होता तो 1% बढ़ोतरी हो सकती थी।