-हंगरंग संघर्ष समिति ने प्रधानमंत्री सहित केंद्रीय मंत्रियों व मुख्यमंत्री वीरभद्र को पत्र लिख स्थिति से करवाया रूबरू
जेएस नेगी। रिकांगपिओ
भारत-चीन सीमा पर किन्नौर जिला में स्थित राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 की बहाली को लेकर हंगरंग संघर्ष समिति ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित रक्षा मंत्री, केंद्रीय परिवहन मंत्री, महामहिम राज्यपाल हिमाचल प्रदेश , मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को एक पत्र लिखा है। उल्लेखनीय है कि भारत-चीन सीमा पर स्थित होने के कारण इस मार्ग का अलग ही एक सामरिक महत्व है। पत्र में कहा गया कि कृषि, बागवानी, उद्योग व खनन आदि की बात हो या शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण व पर्यटन गतिविधियों में सड़कें समान रूप् से हर क्षेत्र की तरक्की में सहायता करती है। मगर किन्नौर में राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 व अन्य संपर्क मार्गों की दशा अत्यंत दयनीय है।
किन्नौर में पूर्वनी झूला के पास उच्च मार्ग पिछले 3-4 सालों से भूस्खलन के कारण प्रभावित है। उरनी ढांक में भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय उच्च मार्ग पिछले एक वर्ष से बंद है। इसी तरह लाल ढांक, नाथपा, पागल नाला व निगुलसारी में भी राष्ट्रीय उच्च मार्ग भूस्खलन से बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है। इन भूस्खलन प्रभावित सड़कों के कारण किसान व बागवानों को अपने उत्पादों को मार्किट तक पहुंचाने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पिछले वर्ष इन क्षतिग्रस्त सड़कों से मटर व सेब आदि उत्पादों को टपाने में बड़ी कठिनाई आई और गाडि़यों को आधी लोड कर पार करना पड़ा। भूस्खलन के कारण बाधित सड़कों के चलते सुरक्षा बलों की आवाजाही भी बाधित हो रही है। लोगों को इन जोखिम भरे मार्गों से अपनी जान हथेली पर रखकर गुजरना पड़ रहा है। इसके चलते कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है।
पत्र में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 की दुर्दशा को लेकर भगवान न करें, यदि सीमा पर दुश्मन के साथ मुठभेड़ हो जाए तो हमारे सुरक्षा बलों की क्या हालत होगी, यह कल्पना से परे है। समिति का कहना है कि सरकार व प्रशासन ने इन भूस्खलन सड़कों पर अस्थाई तौर पर यातायात बहाल करने की व्यवस्था की है, लेकिन स्थाई समाधान के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है। इस गंभीर समस्या बारे उपरी किन्नौर की कई ग्राम सभाओं ने प्रस्ताव पारित कर सरकार व प्रशासन से अनुरोध किया है कि इन क्षतिग्रस्त सड़कों को शीघ्र बहाल किया जाए।
समिति ने उपरोक्त तत्थों को ध्यान रख उपरले किन्नौर की पीडि़त जनता की पीड़ाभरी आवाज के मद्देनजर केंद्र सरकार, राज्य सरकार व जिला प्रशासन से अनुरोध किया कि किन्नौर जिला व स्पीति उपमंडल के गरीब जनजाति लोगों की इस पीड़ा को शीघ्र दूर करने के लिए कारगर कदम उठाए जाएं। संघर्ष समिति ने यह ऐलान भी किया कि यदि एक महीने के अंदर इन क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरूस्त करने के लिए कारगर कदम नहीं उठाए गए तो तीव्र जनआंदोलन शुरू किया जाएगा।