कुल्लू : एक्टिव मोनाल कल्चरल एसोसिएशन, भाषा एवं संस्कृति विभाग व जिला सांस्कृतिक परिषद कुल्लू के संयुक्त तत्वावधान में देव सदन कुल्लू में संस्था के कलाकारों ने उद्गार कार्यक्रम में एकल अभिनय करके मुंशी प्रेमचंद की सात कहानियों ‘दो बैलों की कथा’, ‘परीक्षा’, ‘ये भी नशा वो भी नशा’, ‘कानूनी कुमार’, ‘कफन’, ‘ठाकुर का कुआं’ तथा ‘दारोगा’ जी का प्रस्तुतिकरण क्रमश: भूषण देव, दीन दयाल, श्याम, ओम प्रकाश, आरती ठाकुर, युक्ति, रेखा, जीवानंद व कुलदीप ने किया।
श्याम द्वारा ‘ये भी नशा वो भी नशा’ प्रभावशाली प्रस्तुतिकरण रहा। जबकि ओमप्रकाश ने भी दर्शकों को कानूनी कुमार द्वारा दर्शकों को अपने सहज अभिनय से गुदगुदाया, और जीवानन्द ने ठाकुर का कुंआ में अपने बेजोड़ अभिनय से दर्शकों को उंच नीच की त्रासदी पर सोचने पर मजबूर कर दिया। अन्तत: कुलदीप ने दारोगा जी कहानी को अपने परिपक्व अभिनय से दर्शकों में गहरी छाप छोड़ दी।
मंच संचालन करते करते ही मीनाक्षी ने प्रेमचंद की जिंदगी और उनकी रचनाओं पर भी पत्र पढ़ा। दर्शकों में से भी भुवनेश्वर कटोच ने संक्षेप में प्रेमचंद के प्रसिद्ध उपन्यास रंगभूमि पर आज के सन्दर्भ के प्रकाश डाला। प्रस्तुतियों के बाद वहीं देव सदन सभागार में दर्शकों और कलाकारों ने प्रेमचंद की रचनाओं पर चर्चा भी की।
चर्चा में अन्य दर्शकों के साथ मुख्य रूप से साहित्यकार निरंजन देव शर्मा, तोबदन, सत्यपाल भटनागर, शिक्षविद्व घनश्याम कपूर, कलाप्रेमी व साहित्यकार हीरा लाल ठाकुर, लोक गायिका सरला चम्बयाल, कवि राज धानिया, लोकगायक शेरसिंह राणा आदि रहे। सोमवार कला केन्द्र में शाम 7:15 बजे रंगकर्मी केहर सिंह ठाकुर के लोकप्रिय नाटक चिडिय़ा के बहाने का मंचन किया जाएगा।