सुंदरनगर : तकरीबन सात वर्ष पूर्व कृषि वस्तुओं का भुगतान न करने के मामले में एक पूर्व व्यवसायी को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सुंदरनगर हकीकत धाडा की अदालत ने दोषी करार देते हुए एक साल की सजा व चार लाख 20 हजार रूपए जुर्माना अदा करने का फैसला दिया है।
यह जानकारी देते हुए अधिवक्ता वीरेंद्र ठाकुर व सुचित्रा ठाकुर गुलेरिया ने बताया कि जिला बिलासपुर के पडयाल निवासी डॉ. रविंद्र क्रॉप सोल्युशन के नाम से दधौल में बीज, खाद व दवाइयों का कारोबार करता था। सुंदरनगर के बीबीएमबी कॉलोनी की फर्म के.डी सीड हाऊस से कृषि वस्तुए खरीदी थी, जिसके भुगतान के लिए डॉ. रविंद्र ने चैक दिए।
मगर उन्होंने खाते में पर्याप्त बैलेंस न रख इसे बाउंस करवा दिया। बार-बार के.डी सीड हाऊस प्रबंधन की मांग पर जब दुकानदार ने भुगतान न किया तो राज कुमार के खिलाफ कोर्ट में एनआई एक्ट,1881 की धारा 138 के तहत मामला दर्ज करवाया।जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट नम्बर-1 हकीकत धाडा की अदालत ने डॉ. रविंद्र को दोषी पाया। उन्हें एक साल की सजा और चार लाख बीस हजार जुर्माने की सजा सुनाई। यह बता दें कि यह फैसला तकरीबन सात वर्ष उपरांत आया है।