
भक्तों के दर्शनों के लिए खुला ऐतिहासिक नर्वदेश्वर मंदिर का गर्भ गृह…

Indian News
by नितेश सैनी
सुंदरनगर, 20 फरवरी : अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले में मुख्य मेहमान के रूप में शरीक होने के लिए देव कमरूनाग को जिला प्रशासन द्वारा विधिवत न्यौता दे दिया गया। जिला प्रशासन की ओर तहसीलदार गोहर जय गोपाल शर्मा ने समुद्र तल से करीब आठ हजार फुट ऊंचाई पर स्थित छैण गांव पहुंच कर गुर ठाकर दास को अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का निमंत्रण पत्र दिया। बता दें यह पहला मौका है, जब कोई प्रशासनिक अधिकारी व्यक्तिगत रूप से इतना सफर तय कर कमरूनाग को निमंत्रण देने स्वयं पहुंचे हैं, जबकि इससे पूर्व जिला प्रशासन द्वारा दिया जाने वाला निमंत्रण संबंधित पटवारी के माध्यम से दिया जाता था।
आप को बताते चले की सप्ताह भर पैदल पद यात्रा को लेकर देवता के कारिदों ने शिवरात्रि महोत्सव में शरीक होने के लिए प्रस्थान की तिथि अभी तक निर्धारित नहीं की है। बताया जाता है कि 12 मार्च से शुरू होने वाले अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में शरीक होने के लिए कमरूनाग 1 मार्च को प्रस्थान कर सकते है। गौर रहे की बड़ा देव कमरूनाग के मंडी पहुंचने के बाद ही शिवरात्रि महोत्सव के कारण शुरू होते है।
सप्ताह भर की पैदल यात्रा के दौरान देवता अपने निर्धारित कार्यक्रम के चलते विभिन्न जगहों पर ठहराव करके मेहमानवाजी में शरीक होते है। गुर ठाकर दास का कहना है कि सप्ताह भर की इस पैदल यात्रा के दौरान श्री देव कमरूनाग को मंडी पहुंचने से पूर्व लगभग 20-22 मेहमानवाजियों में शरीक होना प्रस्तावित हैं।
देवता व कारिदों का किस रात्रि को कहां ठहराव किया जाएगा, यह सब अभी तय किया जाएगा। आप को बताते चले की अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के लिए जिला प्रशासन द्वारा श्री देव कमरूनाग सहित 206 देवी देवताओं को निमंत्रण दिया गया है। जिसके लिए देवी-देवता के कारिदों ने भी अभी से ही अपनी तैयारियाँ शुरू कर दी हैं।
नई दिल्ली, 20 फरवरी : कोरोना महामारी के मद्देनजर हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुंभ मेला इस बार केवल 28 दिन का होगा। उत्तराखंड सरकार ने साधु संतों से चर्चा के बाद यह निर्णय लिया है। कुंभ मेला एक अप्रैल से 28 तक आयोजित किया जाएगा। जल्द ही उत्तराखंड सरकार कुंभ मेले की तारीख को लेकर अधिसूचना जारी करेगी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि कुंभ मेला 1 से 28 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा। पहले हरिद्वार में आयोजित कुंभ चार माह तक की अवधि का होता रहा है। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भी कुंभ मेले के संबंध में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) यानी मानक प्रचालन प्रक्रिया जारी कर चुका है। कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बनाई गई इस एसओपी का पालन करना होगा।
दरअसल उच्च न्यायालय ने भी कोविड 19 को देखते हुए राज्य सरकार को कुंभ की अवधि सीमित करने के लिए कहा था। इस संबंध में साधु संतों से बातचीत करने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि कुंभ एक अप्रैल से 28 अप्रैल तक होगा। गौरतलब है कि हरिद्वार में इस बार कुंभ 12 साल बाद की बजाए 11 साल के बाद हो रहा है। वैसे कुंभ 12 साल बाद होता है।
हरिद्वार कुंभ का पहला शाही स्नान, महाशिवरात्रि के अवसर पर 11 मार्च को होगा। 11 मार्च शिवरात्रि को पहले शाही स्नान पर संन्यासियों के सात और 27 अप्रैल वैशाख पूर्णिमा पर बैरागी अणियों के तीन अखाड़े कुंभ में स्नान करते हैं। 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या और 14 अप्रैल मेष संक्रांति के मुख्य शाही स्नान पर सभी 13 अखाड़ों का हरिद्वार कुंभ में स्नान होगा।
कोरोना महामारी के दौर में आयोजित होने वाला यह कुंभ मेला बीते अन्य कुंभ मेलों से काफी अलग होगा। इस बार कुंभ मेले के दौरान किसी भी स्थान पर संगठित रूप से भजन एवं भण्डारे के की मनाही रहेगी। उत्तराखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण को रोकने हेतु यह नए नियम जारी किए हैं।
शिमला, 18 फरवरी : कोरोना के मामलों में भारी कमी आने पर शिमला जिला के मंदिरों में अब पहले की तरह चहल-पहल नजर आएगी। मंदिरों में 11 महीने बाद लंगर और भंडारे लगाने की अनुमति मिली है। इसके अलावा मंदिरों में लोग विवाह, मुंडन समारोह भी धार्मिक परिसरों में किए जा सकेंगे। श्रद्धालु दर्शनों के लिए विभिन्न मंदिरों व धार्मिक स्थलों के गर्भ गृह में भी जा सकेंगे। सरायं तथा धार्मिक स्थलों में रात्रि ठहराव भी किया जा सकता है। शिमला जिला प्रशासन ने गुरूवार को इस संबंध में आदेश जारी किया है।
गौर हो कि कोरोना लाकडाउन से पहले 17 मार्च 2020 को शिमला प्रशासन ने मंदिरों में धार्मिक आयोजनों व भंडारों के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया था। राजधानी के तारा देवी, संकटमोचन, ढींगू माता इत्यादि मंदिरों में हर रविवार के अलावा नवरात्रों पर रोजाना भंडारों का आयोजन होता है। जिला दण्डाधिकारी आदित्य नेगी द्वारा जारी ताजा आदेशों के तहत जिला भर में अब मंदिरों में भंडारों और लंगरों का आयोजन किया जा सकेगा। श्रद्धालुओं को धार्मिक स्थलों अथवा मंदिरों में दर्शन, पूजा, भजन करने की अनुमति रहेगी। आदित्य नेगी ने बताया कि स्थानीय स्थितियों व जगह की उपलब्धता को देखते हुए गर्भ गृह में श्रद्धालुओं को दर्शनों को भेजने के लिए संख्या स्थानीय मंदिर न्यासियों या अधिकारियों द्वारा निर्धारित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि मंदिर अथवा धार्मिक स्थलों में हवन पूर्व की भांति किए जाएंगे। मंदिरों में सूखा अथवा बंद पैकेट प्रसाद मंदिर परिसर के अंदर ही मान्य होगा। चुन्नी, झण्डा तथा नारियल भी चढ़ा सकते हैं। जगह व श्रद्धालुओं के बैठने की संख्या के आधार पर कोविड-19 के तहत जारी मानकों की अनुपालना के तहत लंगर अथवा भंडारे की अनुमति भी प्रदान की गई है।
उन्होंने बताया कि श्रद्धालु व धार्मिक स्थलों व मंदिर न्यास समितियों के अधिकारियों व पदाधिकारियों तथा पुजारी इस दौरान कोविड-19 के तहत जारी किए गए मानक संचालनों का कढ़ाई से पालन आवश्यक करें, जिसके तहत चेहरे को मास्क से पर्याप्त रूप से ढकना, मंदिर परिसर की सैनेटाईजेशन और स्वच्छता, परस्पर दो गज की दूरी बनाए रखना शामिल है। अवहेलना करने वालों के प्रति कठोर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
लखनऊ, 17 फरवरी : उत्तर प्रदेश में एक अजीबो-गरीब मामले में भगवान को मृत घोषित कर दिया गया। जी हां, यह सच है और ऐसा लखनऊ के एक मंदिर की जमीन हड़पने के लिए किया गया। कहा जाता है कि लखनऊ का ये मंदिर 100 साल पुराना है और इसकी जमीन 7 हजार स्कवायर मीटर से ज्यादा में फैली है। यह जमीन ट्रस्ट ने भगवान कृष्णा-राम के नाम पर रजिस्टर्ड कराई हुई थी। यह जमीन मोहनलाल गंज इलाके के कुसमौरा हलुवापुर गांव में है। कुछ समय पहले गया प्रसाद नाम के व्यक्ति को जमीन दस्तावेजों में भगवान कृष्णा-राम के पिता के तौर पर जोड़ा गया था।
जब 1987 में जमीन दस्तावेजों का एकीकरण हुआ तो भगवान कृष्णा-राम को मृत घोषित कर दिया गया और ट्रस्ट को गया प्रसाद के नाम पर ट्रांसफर कर दिया और पूरी संपत्ति भी उन्हीं के नाम हो गई। इसके बाद 1991 में गया प्रसाद को भी मृत घोषित कर दिया गया और ट्रस्ट को उनके भाइयों — रामनाथ और हरिद्वार के नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया।
यह मामला 25 साल बाद तब सामने आया जब 2016 में मंदिर के असली ट्रस्टी सुशील कुमार त्रिपाठी ने नायब तहसीलदार के पास शिकायत दर्ज कराई। फिर ये मामला जिला मजिस्ट्रेट से होते हुए उप मुख्यमंत्री के ऑफिस तक पहुंचा, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। पता चला है कि जमीन के कई दस्तावेज फर्जी तरीके से बनाए गए हैं।
मामले में उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने हाल ही में सदर के एसडीएम प्रफुल्ल त्रिपाठी को जांच करने के निर्देश दिए। उनका कहना है कि जांच में सामने आया कि किसी व्यक्ति ने ट्रस्ट में रजिस्टर्ड किसी व्यक्ति के नाम से फर्जी दस्तावेज बनाए हैं। ये फर्जीवाड़ा मंदिर की 7,300 स्कवायर मीटर जमीन को हड़पने के लिए किया गया था।
एसडीएम ने यह भी बताया कि मंदिर की जमीन को स्थानीय ग्राम सभा में बंजर जमीन बताया गया है। इस विवाद को एसडीएम कोर्ट में चुनौती दी गई है और मामले की सुनवाई अभी चल रही है।
–आईएएनएस
शिमला, 16 फरवरी : हालांकि वैश्विक महामारी को लेकर राज्य में मंदिरों के कपाट 10 सितंबर 2020 को ही खोल दिए गए थे, लेकिन कई प्रतिबंध जारी थे। अब राज्य सरकार ने नई अधिसूचना में प्रतिबंधों को पूरी तरह से हटा दिया है। यह अधिसूचना मंगलवार से लागू होती हुई नजर आई। अब श्रद्धालु मंदिरों में पूजा-अर्चना कर सकेंगे। व्यक्तिगत पूजा के अंतर्गत रीति-रिवाज भी निभाए जा सकेंगे। मंदिर स्टाफ व श्रद्धालुओं को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन, मुंडन इत्यादि को भी करवाया जा सकता है।
गर्भगृह में भी प्रवेश की अनुमति दे दी गई है, मगर इसमे मंदिर ट्रस्ट द्वारा गर्भगृह में प्रवेश करने वालों की संख्या की समीक्षा की जाएगी। हवन भी करवाए जा सकते हैं। मंदिर में प्रसाद चढ़ाने की भी अनुमति जारी कर दी गई है। मंदिर में चुनरी, झंडा व सूखे मेवे इत्यादि चढ़ाने की भी अनुमति होगी। लंगर व भंडारे भी आयोजित हो सकेंगे। इसके लिए बैठने की क्षमता का आंकलन होगा। मंदिर परिसर में रात्रि ठहराव भी हों सकेंगे। खास बात यह है कि मंदिरों के खुलने की खबर बसंत पंचमी के मौके पर आई है। यह अलग बात है कि सरकार द्वारा इस अधिसूचना को सोमवार को जारी किया गया था।
नालागढ़, 16 फरवरी : औद्योगिक नगरी नालागढ़ स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में चोरी की घटना सामने आई है। दत्तोवाल स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में सोमवार रात दो नकाबपोशों ने चोरी को अंजाम दिया। इस दौरान शातिर मंदिर के तीन दानपात्रों से नकदी उड़ाकर ले गए। पूरी वारदात मंदिर में लगे सीसी कैमरे में कैद हो गई। सीसीटीवी में देखा जा सकता है कि किस तरह दो नकाबपोश मंदिर के भीतर दाखिल होते हैं। पहले चोर दानपात्र को उठाकर कमरे में लाते हैं और वहां हथौड़े व छेनी की मदद से उसे तोड़कर नकदी निकालते हैं। फिर मंदिर के भीतर लगी अलमारियों का सामान उलट-पलट कर चैक करते हैं।
वारदात को अंजाम देने के बाद नकाबपोश फरार हो गए। घटना की सूचना नालागढ़ पुलिस को दी गई। मंदिर कमेटी को मंगलवार सुबह जैसे ही चोरी की घटना का पता चला, तुरंत सीसी कैमरों को खंगाला गया। बताया जा रहा है कि मंदिर के दानपात्रों में लाखों की नकदी हो सकती थी, जिन्हें काफी समय से खोला नहीं गया था।
ऊना,12 फरवरी : जिला के अंब उपमंडल के मैड़ी स्थित डेरा बाबा बड़भाग सिंह होली मेला इस वर्ष 21 से 31 मार्च तक मनाया जा रहा है। 28 मार्च को झंडे की रस्म अदा की जाएगी जबकि 30-31 मार्च की मध्यरात्रि को पंजा साहिब का पवित्र प्रसाद श्रद्धालुओं को वितरित किया जाएगा। मेले के सफल आयोजन को लेकर आज उपायुक्त ऊना राघव शर्मा की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में विधायक चिंतपुर्णी विधानसभा क्षेत्र बलवीर चौधरी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
डीसी ने कहा कि एडीसी डॉ. अमित कुमार शर्मा को मेला अधिकारी तथा एएसपी विनोद धीमान को पुलिस मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के दृष्टि गत पूरे मेला क्षेत्र को 10 सैक्टरों में बाँटा गया है और हर सैक्टर में एक-एक मजिस्ट्रेट तथा एक-एक सैक्टर पुलिस अधिकारी की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा जगह-जगह सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जाएगी। जबकि मेले के दौरान कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस एवं होमगार्ड के पर्याप्त जवानों की तैनाती होगी। इसके अलावा यातायात व्यवस्था के सुचारु संचालन के लिए भी पुलिस जवान मुस्तैद रहेंगे। उन्होंने कहा कि मेला आरंभ होने से पहले मेला अधिकारी तथा मेला पुलिस अधिकारी व्यवस्थाओं का नियमित जायजा लेते रहेंगे।
राघव शर्मा ने कहा कि मेले के दौरान कोविड सुरक्षा नियमों की अनु पालना भी अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाएगी तथा मेला क्षेत्र में नियमित रूप से सेनेटाइजेशन की जाएगी।
इसके अलावा साफ-सफाई व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पंचायत समिति अंब द्वारा अस्थाई शौचालयों का निर्माण किया जाएगा तथा जगह-जगह कूड़ेदान तथा इनके रखरखाव के लिए अस्थाई सफाई कर्मचारियों की भी तैनाती की जाएगी। मेले के दौरान स्वच्छ व पर्याप्त पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए आईपीएच विभाग को पानी का क्लोरीनेशन तथा समय-समय पर पानी के सैंपल लेने के भी निर्देश दिए गए। मेले के दौरान श्रद्धालुओं को चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा आयुर्वेद विभाग के चिकित्सक उपलब्ध रहेंगे।
डीसी ने कहा कि मेले के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए अग्रिश्मन वाहन भी तैनात रहेगा। लंगर लगाने की अनुमति खंड विकास समिति द्वारा दी जाएगी तथा लंगर में परोसी जाने वाली खाद्य सामग्री की जांच के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के भी निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त मेले के दौरान ढ़ोल नगाड़े, करतब दिखाने तथा प्रबंध को भी निर्धारित सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित समयावधि में ही लाउडस्पीकर चलाने की अनुमति रहेगी तथा मेले के दौरान भिखारियों की समस्या से भी सख्ती से निपटा जाएगा। इसके लिए उन्होंने संबंधित गुरूद्वारा प्रबंधकों से भी प्रशासन को अपना पूरा सहयोग प्रदान करने का आहवान किया है ताकि मेले को सफलतापूर्वक संपन्न करवाया जा सके।
मंडी, 30 जनवरी : हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मंडी में अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव 2021 हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि कार्यक्रम और मेलों के दौरान सरकार के द्वारा कोविड-19 के तहत जारी की गई। सभी गाइडलाइंस का पालन भी सुनिश्चित किया जाएगा। यह फैसला जिला शिवरात्रि कमेटी की आम सभा में सर्वसम्मति से लिया गया। आम सभा की बैठक शनिवार को शहर के विपाशा सदन में आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता डीसी व शिवरात्रि मेला समिति के अध्यक्ष ऋग्वेद ठाकुर ने की।
बैठक उतरांत ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव 2021 के दौरान सरकार के द्वारा जारी कोरोना की सभी गाइडलाइंस का ध्यान रखा जाएगा साथ ही सभी कारदारों व देवलुओं को मास्क लगाना व सामाजिक दूरी का ध्यान रखना भी जरूरी होगा, ताकि संक्रमण का खतरा पैदा ना हो। ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव 2021 को पूरे हर्षोल्लास और भव्यता के साथ मनाया जाएगा। जिसके लिए आज ही तैयारियां शुरू हो गई हैं। उन्होंने बताया कि शिवरात्रि में भाग लेने वाले 213 पंजीकृत देवताओं को निमंत्रण भेजने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
वहीं सर्व देवता समिति के प्रधान शिवपाल शर्मा ने सरकार और प्रशासन का शिवरात्रि महोत्सव के आयोजन करने के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि वे सभी देवताओं के देवलुओं से शिवरात्रि महोत्सव के दौरान कोरोना नियमों का पालन करने का आग्रह करेंगें। इस आम सभा में एसपी शालिनी अग्निहोत्रि, एडीएम श्रवण मांटा, एसीटूडीसी, जिला परिषद अध्यक्ष पाल वर्मा, नगर परिषद की अध्यक्ष सुमन ठाकुर, सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।