एमबीएम न्यूज / शिमला
बहुचर्चित कोटखाई गुडिया कांड में एक नया खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक गुडिया के रेप व हत्या के मामले में गिरफ्तार अनिल कुमार उर्फ नीलू ने चार साल पहले भी रामपुर उपमंडल के बागी गांव में एक महिला से दुराचार किया था। लेकिन पुलिस में मामला दर्ज नहीं हुआ था, क्योंकि दुराचारी नीलू ने पीडि़ता के परिवार को 20 हजार रुपए देकर मामला सैटल कर लिया था।
काश! यह मामला चार साल पहले ही रिपोर्ट हो गया होता तो गुडिय़ा की जान न जाती। यह बात सीबीआई ने नीलू के खिलाफ महिला के नाना के हवाले से 28 पेज की चार्जशीट में कही है। इस तरह की वारदातों को अंजाम देने के अभ्यस्त अपराधी नीलू को सितंबर 2016 में सिरमौर के पच्छाद से जुड़े एक मामले में जमानत मिली थी, लेकिन उसके बाद पुलिस को नहीं मिला। इस घटना में भी नीलू ने एक महिला से दुराचार करने की कोशिश के साथ-साथ हत्या का प्रयास किया था।
गौरतलब है कि गुडिय़ा वारदात के दिन स्कूल से लौट रही थी, उस दिन उसे अंडर-19 टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए आयु प्रमाणपत्र की आवश्यकता थी। गुडिय़ा का चयन परम्परागत वाद्ययंत्र खंजरी प्रतियोगिता के लिए होना था। सूत्रों का यह भी कहना है कि सिरमौर की इस घटना की हिस्ट्री के चलते ही नीलू को सीबीआई दबोचने में सफल हुई थी। संभवत: सिरमौर पुलिस द्वारा उपलब्ध करवाए गए डीएनए नमूनों में से नीलू का सैंपल मैच हो गया था। गुडिय़ा प्रकरण से एक रोज पहले मंडी के बल्ह में बकरी चोरी का मामला भी उसके खिलाफ दर्ज हुआ था।
सीबीआई के मुताबिक नीलू ने डेढ़ किलोमीटर पहले डांडी से ही गुडिय़ा का पीछा करना शुरू कर दिया था। डांडी-बानकुफर कच्ची सडक़ पर उसकी गुडिय़ा से कहासुनी हुई। इसके बाद उसे खींचकर सडक़ से करीब 32 मीटर नीचे ले गया। गुडिय़ा का रेप करने के बाद उसकी गला घोंट कर हत्या कर दी गई। वारदात को अंजाम देने के बाद नीलू घटनास्थल से शाम 6 बजे के आसपास प्रेम बहादुर की दुकान पर पहुंचा। वहां से शराब की आधी बोतल खरीदी। इसके सेवन के बाद एक बोतल और खरीद कर आगे निकला।
6 जुलाई को नीलू ने 58 साल की विधवा नेपाली महिला को शारीरिक तौर पर प्रताडि़त करने का प्रयास किया, लेकिन उसके चिल्लाने पर पड़ोसी संत राम आ गया। इसके बाद भी एक अन्य गांव में नेपाली महिला से अश्लीलता की।
खबर से जुड़े तमाम इनपुटस अंग्रेजी दैनिक द ट्रिब्यून में प्रकाशित समाचार से लिए गए हैं।