नई दिल्ली, 5 अप्रैल : सीमा प्रहरी चौबीसों घंटे हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए कठिन परिस्थितियों का सामना करते हैं, जो एक कठिन, बीहड़ और युद्ध-भूमि हो सकती हैं। लेकिन सीमा प्रहरी इस से कहीं अधिक हैं वो कला के क्षेत्र में भी निपुणता रखते हैं जैसे संगीत, पेंटिंग, मूर्तिकला, शिल्पआदि।
सीमा प्रहरियों को मंच देने के लिए बीएसएफ कला और शिल्प प्रदर्शनी का आयोजन 02 से 05 अप्रैल 2024 तक अश्विनी बीएसएफ ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट (Ashwini BSF Officers Institute) निज़ामुद्दीन नई दिल्ली में किया गया। मां भारती की सीमाओं की रक्षा में सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force) के जवान जान की बाजी लगा देते हैं। हम अक्सर ही जवानों की बहादुरी या शहादत पर ‘जयहिन्द’ का उद्घोष करते हैं। खास पेशकश में हाथों में बंदूक व हथेली पर जान रखने वाले जवानों की विलक्षण प्रतिभा से रू-ब-रू कराने जा रहे हैं।
तस्वीरें देख आप लाजमी तौर पर दांतों तले उंगलियां दबा लेंगे। शायद ही आप इस बात से वाकिफ होंगे कि जवानों में अदभुत कला का हुनर भी छिपा होता है, जो संभवतः सीमाओं के पहरे के दौरान निखरता रहता है। घरों से सैंकड़ों कोस दूर जवानों के सामने सबसे बेहतरीन विकल्प अपने हुनर को निखारने का ही होता होगा।
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दरअसल, सीमा सुरक्षा बल द्वारा अश्वनी बीएसएफ ऑफिसर्स इस्टिटयूट दिल्ली में एक कला व शिल्प प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी में देश भर से बीएसएफ के 115 जवानों व उनके परिवारों ने अपनी अदभुत प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनी में पेंटिंग, लकड़ी पर नक्काशीदार मूर्तियां, पत्थर की मूर्तियां, मिट्टी व बांस कला व वाद्य संगीत सहित कलाकृतियों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित हुई।
बीएसएफ के जवानों व उनके परिवारों की कलाकृतियों की तस्वीरों को सोशल मीडिया में साझा किया तो हर कोई आश्चर्यचकित हो रहा था। तस्वीरों को देखने वाला यही सोच रहा था कि धन्य है हमारा देश, जहां जवान हाथों में बंदूक ही नहीं थामते, बल्कि अद्भुत प्रतिभा से कला जगत के महारथी भी हैं।@K1
खबर से जुड़ा वीडियो 6 अप्रैल को एमबीएम यू ट्यूब चैनल पर उपलब्ध होगा