चंडीगढ़, 30 अप्रैल : चौतरफा मुकाबले में फंसी कांग्रेस को पंजाब लोकसभा चुनाव में अपने दिग्गज नेताओं को उतारना पड़ा है। कड़ी मशक्कत के बाद कई नेताओं के हलके बदल दिए गए हैं। उन्हें अपने गृह क्षेत्र को छोड़कर दूसरे चुनाव क्षेत्र से मैदान में उतारा गया है। सबसे हैरानीजनक टिकट लुधियाना से कांग्रेस ने घोषित किया है। यहां पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह राजा वडिंग को टिकट थमाई गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते रवनीत बिट्टू के भाजपा में चले जाने से हाईकमान उन्हें सबक सिखाना चाहता है। गिदड़वाह से तीन बार विधायक रहे पूर्व सरकार में ट्रांसपोर्ट मंत्री रहे वडिंग पिछले लोकसभा चुनाव में बठिंडा से अकाली दल प्रत्याशी हरसिमरत कौर से मात्र 22 हजार वोटों से हारे थे। यहां उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी के अशोक पराशर, शिरोमणि अकाली दल के रणजीत सिंह ढिल्लों से होगा।
इसी तरह पार्टी ने गुरदासपुर से पूर्व डिप्टी सीएम व राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को चुनावी मैदान में उतारा है। गुरदासपुर सीट पर तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा का नाम भी चल रहा था। मगर, पार्टी ने रंधावा पर भरोसा जताया है। यहां उनका मुकाबला भाजपा के दिनेश बबलू व शिरोमणि अकाली दल के दलजीत सिंह चीमा से होगा।
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पंथक राजनीति का गढ़ माने जाने वाली खडूर साहिब सीट से कुलवीर सिंह जीरा को टिकट दिया गया है। उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी के मंत्री रहे लाल जीत सिंह भुल्लर के अलावा बीजेपी के मनजीत सिंह मन्ना, शिरोमणि अकाली दल के विरसा सिंह बल्टोहा से होगा। यही नहीं, यहां से असम की जेल में बंद पंथक संघर्ष के नए जन्मे आगू अमृतपाल सिंह से होगा। उन्होंने जेल से बैठकर निर्दलीय लड़ने की घोषणा की है।
यह फैसला भी राजनीतिक हलकों में हैरानी भरा माना जा रहा है। रोपड़ से निवर्तमान सांसद मनीष तिवारी को चंडीगढ़ से टिकट दिए जाने के बाद यहां बाहरी उम्मीदवार व पूर्व कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे कांग्रेस के खजांची विजय इंद्र सिंह सिंगला को टिकट दिया गया है। उनका मुकाबला शिरोमणि अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा व आम आदमी पार्टी के मालविंदर सिंह कंघ से होगा।
संगरूर से पार्टी पहले ही कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैरा को टिकट दे चुकी है। खैरा दोआबा के रहने वाले हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस ने यहां काफी प्रयोग करने का मन बनाकर हलके बदलते हुए उम्मीदवार उतारे हैं। अभी फिरोजपुर से टिकट नहीं दिया गया है। वहीं, फरीदकोट व बठिंडा से उम्मीदवारों का ऐलान कांग्रेस पहले ही कर चुकी है।
वहीं, जालंधर से पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को पार्टी ने मैदान में उतारा है। कांग्रेस की लीडरशिप में अब सिर्फ नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब विधानसभा में प्रताप सिंह बाजवा ही चुनाव लड़ने से वंचित रह गए हैं। बाकी तमाम बड़ी लीडरशिप को चुनावी मैदान में उतार दिया गया है, जिससे साफ पता चलता है कि कांग्रेस पंजाब में 2014 लोकसभा चुनाव से उत्साहित होकर कुछ भी खोना नहीं चाहती।
@R1