नाहन/प्रकाश शर्मा : हिमाचल का 240 साल पुराना विद्यालय “शमशेर स्कूल” वैसे तो खुद में स्वर्णिम इतिहास समेटे है। प्रदेश निर्माता (Himachal Nirmata) के रूप में हिमाचल के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस परमार सहित कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियां देने वाला स्कूल आजकल एक दीवार को लेकर चर्चा में है।
कोर्ट रोड के किनारे ये वॉल सड़क सुरक्षा, बाल श्रम व नशा निवारण का खूबसूरत संदेश दे रही हैं। बेशक ये दीवारें बोल तो नहीं पाती, लेकिन गुजरने वाले हरेक शख्स के कदम दीवारों में उकेरी गई चित्रकला को देखकर बरबस ही ठहर जाते हैं। वॉल के सूत्रधार बने हैं, स्कूल के मौजूदा प्रधानाचार्य ‘राजकुमार चौहान’।
राजकुमार चौहान ने प्रिंसिपल का कार्यभार संभालने के बाद विद्यालय को एक नया रूप देने की कोशिश की है। लाइब्रेरी से परिसर में बदलाव हुए है, जिसकी प्रशंसा हो रही है। चौहान ने बताया कि वह खुद स्कूल के विद्यार्थी रह चुके हैं। खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं कि इसी स्कूल में सेवाएं देने का मौका मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रयास है जिन विद्यार्थियों का रुझान निजी स्कूलों की तरफ बढ़ रहा है, वह भी वापस सरकारी स्कूल की तरफ आकर्षित हों। दीगर है कि शमशेर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (Shamsher Boys School Nahan) की शुरुआत 1783 में तत्कालीन शासक शमशेर प्रकाश द्वारा की गई थी।
लाइब्रेरी को दिया नया रूप….
प्रधानाचार्य ने सबसे पहले स्कूल की लाइब्रेरी की मरम्मत करवाई। ये लाइब्रेरी कई सालों से सुचारू रूप से नहीं चल रही थी। प्रधानाचार्य ने न केवल इसका पुनर्निर्माण करवाया, बल्कि इसके खुले रहने का समय भी 5 बजे तक कर दिया। इससे स्कूल के विद्यार्थियों को काफी फायदा हुआ। अब स्कूल बंद होने के बाद भी ये विद्यार्थी पुस्तकालय में बैठकर अध्ययन कर सकते हैं।
स्क्रैप का बेहतरीन इस्तेमाल….
प्रधानाचार्य के सबसे बेहतरीन कार्य में से एक “रद्दी व स्क्रैप का बेहतरीन इस्तेमाल” करना है। प्रधानाचार्य राजकुमार चौहान ने बताया कि स्कूल के स्टोर में पिछले कई सालों से टूटे हुए डेस्क व पुराना लोहा जंग खा रहा था। उन्होंने इस लोहे व टूटे हुए डेस्क को इस्तेमाल करने की ठानी। इसके लिए उन्होंने सबसे पहले डेस्क में लगी लोहे की पट्टियों को पेंट करवाया। इसके बाद स्कूल के जो दरवाजे व खिड़कियां टूटी हुई थी, वहां पर इन पट्टियों का इस्तेमाल किया। इससे ज्यादा खर्च भी नहीं हुआ। साथ ही स्क्रैप का भी इस्तेमाल हो गया।
दीवारें दे रही जागरूकता का संदेश…
हाल ही में स्कूल की दीवारों में उकेरी गई चित्रकला भी लोगों को खूब भा रही है। दरअसल, रोड सेफ्टी की तरफ से स्कूल के लिए ₹10 हजार का बजट दिया गया था। प्रधानाचार्य ने बजट का शानदार इस्तेमाल किया, स्कूल परिसर में बाहर की तरफ बनी दीवारों पर रोड सेफ्टी, नशा निवारण व चाइल्ड लेबर जैसे संदेश देने के लिए चित्रकला करवाई। हालांकि इसमें 10 हजार से भी अधिक खर्च हुआ, जो प्रधानाचार्य व स्कूल ने अपने स्तर पर वहन किया। प्रधानाचार्य ने बताया कि उनका उद्देश्य लोगों में जागरूकता लाना है। दिन में यदि 10 लोग भी जागरूक होते हैं, प्रयास सार्थक साबित होगा।
भोजन की शानदार व्यवस्था…
प्रधानाचार्य ने बताया कि स्कूल में गर्मियों के समय अक्सर ही पानी की समस्या आती है। साथ ही खाने के बर्तनों में भी सफाई को लेकर शिकायत आती थी। प्रधानाचार्य ने इसमें भी व्यवस्था परिवर्तन का निर्णय लिया। उन्होंने स्कूल में टिफिन व्यवस्था लागू की है। विद्यार्थी घर से अपना खाली टिफिन लेकर आते है, स्कूल में अपने ही साफ-सुथरे टिफिन में दोपहर का भोजन ग्रहण कर रहे हैं। इसका एक उद्देश्य यह भी है कि यदि कोई विद्यार्थी भोजन को पूरा नहीं खा पाए तो उसे इधर-उधर फेंकने के बजाय अपने ही टिफिन में घर ले जा सकता है। इससे न केवल खाना व्यर्थ होने से भी बच रहा है, बल्कि अभिभावक भी दोपहर के बने भोजन की गुणवत्ता की जांच कर सकते है।
प्रधानाचार्य ने बताया कि यह प्रयास फायदेमंद साबित हुआ है। अब न तो विद्यार्थी स्कूल में बचे हुए भोजन को इधर-उधर फेंकते हैं और न ही कोई सफाई संबंधी शिकायत आती है। लाजमी तौर पर आपके जेहन में यह सवाल भी कौंध रहा होगा कि आखिर बेहतरीन व्यवस्था परिवर्तन करने वाले यह प्रधानाचार्य कौन है।
आपको बता दें कि प्रधानाचार्य राजकुमार चौहान 1983 से 1985 तक इसी स्कूल में विद्यार्थी रहे हैं। उन्होंने यहां नवीं और दसवीं के पढ़ाई की थी। लिहाजा स्कूल के प्रति बचपन से ही गहरा लगाव था। इतना ही नहीं, 2001 से 2008 तक इसी स्कूल में राजकुमार चौहान बतौर लेक्चरर भी सेवाएं दे चुके हैं।
वहीं, 1 जून में 2023 को नाहन के कैंट एरिया (Cantt Area Nahan) निवासी राजकुमार चौहान ने बतौर प्रिंसिपल ज्वाइन किया। इसके बाद एक साल से भी कम समय में कई अहम बदलाव किए। राजकुमार चौहान ने बताया कि वह आज जिस मुकाम पर है, उसमें स्कूल का बड़ा योगदान रहा है। लिहाजा उनका भी कर्तव्य है कि स्कूल को बेहतरीन से बेहतरीन सुविधाएं प्रदान की जाए। इसके लिए वह प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी वह स्कूल के लिए कई अहम कदम उठाएंगे, जो यहां पर अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए कारगर साबित होंगे। @P1