हमीरपुर, 04 मई : प्रसिद्ध समाज सेवक एवं शिक्षाविद हरी चंद लखनपाल के 86 वर्ष की आयु में निधन हो जाने से क्षेत्र भर में शोक की लहर है। शिक्षा विभाग से उपनिदेशक के पद से सेवानिवृत हुए लखनपाल ने अपने घर नादौन के घलोल गांव में अंतिम सांस ली। यह दुखद समाचार मिलते ही काफी संख्या में लोग उनके घर पहुंच गए। 20 वर्ष की आयु में ही लखनपाल ने शिक्षा विभाग में सफर आरंभ किया था। विभाग में विभिन्न पदों पर रहते हुए 1999 में वह उपनिदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित कर दिया।
उन्होंने जिला हमीरपुर की दर्जन से भी अधिक धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं में अग्रणी भूमिका निभाते हुए अहम योगदान दिया। गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए भी उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह गौ सेवा के लिए भी पूर्ण रूप से समर्पित रहे और क्षेत्र की प्रसिद्ध कृष्ण गोपाल गौशाला भदरूं के 2002 से 2024 तक महासचिव पद पर रहे। इस दौरान गौशाला के संचालन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। लखनपाल जनरल जोरावर सिंह महाविद्यालय की प्रबंधन समिति के भी अध्यक्ष रहे।
शनिवार को सैकड़ों नम आंखों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। उनके पुत्र चंद्रशेखर ने पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। वह अपने पीछे दो बेटे व तीन बेटियां छोड़ गए हैं। उनके निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री, प्रसिद्ध शिक्षाविद प्रोफेसर रत्नचंद शर्मा, अरविंद शर्मा सहित कृष्ण गोपाल गौशाला समिति ने गहरा शोक प्रकट किया है।