भुवनेश्वर, 13 नवंबर : लाहौर में 20 साल जेल की सजा काटने के बाद ओडिशा का 50 वर्षीय बिरजू आखिकार अपने वतन वापस लौट आया। सुंदरगढ़ जिले का निवासी बिरजू शुक्रवार को अपने घर पहुंचा। सीमा पर भटकने की वजह से वह भूलवश पाकिस्तान पहुंच गया था। जैसे ही बिरजू अपने गांव जंगतेली पहुंचा, वहां लोगों ने सादेरी भाषा में गीत गाकर और नृत्य करके उसका स्वागत किया।
एक अधिकारी ने कहा, कथित रूप से मानसिक रूप से अस्थिर बिरजू रहस्यमयी परिस्थितियों में 25 वर्ष पहले गायब हो गया था। उसे भारत के लिए जासूसी करने के संदेह में पाकिस्तान की जेल में बंद रखा गया था। जिला प्रशासन की एक टीम बीते सप्ताह उसे उसके पैतृक गांव पहुंचाने के लिए अमृतसर गई थी। बिरजू को वहां कोविड अस्पताल में क्वारंटीन में रखा गया था।
अपने भाई को 20 साल बाद देख भावुक बिरजू की बहन ने कहा, “मैं अपने भाई का फिर से घर पर स्वागत करके काफी खुश हूं। मैंने जिंदगी में कभी नहीं सोचा था कि मेरा भाई कभी वापस आ पाएगा। उसने हमलोगों के लिए दोबारा जन्म लिया है।”
हालांकि इतने दिन पाकिस्तान में रहने के बाद बिरजू उड़िया और जनजातीय बोली सादरी भूल गया है। बिरजू हिंदी भाषा में बात कर रहा है। बिरजू ने कहा, “बहुत खूश हूं कि मैं वापस अपने घर आ गया।” हालांकि उसे याद नहीं है कि वह पाकिस्तानी सीमा पर कैसे पहुंचा और कैसे लाहौर जेल में बंद हो गया।
बिरजू के सुंदरगढ़ पहुंचने के बाद, उसे कुत्रा ब्लॉक ऑफिस ले जाया गया, जहां बीडीओ ने उसका स्वागत किया। कुत्रा बीडीओ मानस रंजन रे ने कहा, “बिरजू को विभिन्न सरकारी परियोजनाओं के तहत सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। उसे आधार और राशन कार्ड दिया जाएगा। उसे घर और ऋण भी मुहैया कराया जाएगा।”