नई दिल्ली/लद्दाख, 25 जुलाई: लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा(एलएसी) के पास डेढ़ महीना पहले भारतीय सेना के साथ हुए झड़प के बाद अब चीनी सेना पीछे हट गई है, लेकिन उसने पोंगोंग सो क्षेत्र में कई नए निर्माण किए हैं। यह जानकारी नवीनतम सेटेलाइट इमेज से प्राप्त हुई है।
इस महीने की शुरुआत में, दोनों देश गलवान घाटी में विवादास्पद पेट्रोल पोस्ट 14(पीपी14) से पीछे हट गए थे, जहां 15 जून को हुए हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे और अज्ञात संख्या में चीनी जवान मारे गए थे। गलवान घाटी में दोनों तरफ 3 किलोमीटर का बफर जोन बनाया गया, लेकिन पेंगोंग सो क्षेत्र में तनाव जारी रहा।
मेक्सर से आईएएनएस द्वारा प्राप्त 15 जुलाई के सेटेलाइट इमेज में दिख रहा है कि फोक्सहोल प्वाइंट पर चीनी निर्माण हो रहा है, वहां पीएलए ने कई तारपॉलिन टेंट लगाए हैं।
एक वरिष्ठ रक्षा विशेषज्ञ ने आईएएनएस से पुष्टि करते हुए कहा कि यह स्पष्ट है कि ये चीनी टेंट हैं क्योंकि पीएलए का टेंट लाल तारपॉलिन का है और यह चीन की तरफ है। इसके अलावा पीएलए स्क्वायर टेंट और भारत इग्लू व राउंड शेप टेंट का प्रयोग करता है। सेटेलाइट इमेज में भारतीय टेंटों की दो बड़ी स्थापनाएं भी दिखती है, ऊपर का सफेद क्लस्टर इग्लू आकार का है और निचला हरा क्लस्टर गोल शेप का है। विशेषज्ञ ने कहा, “कई और टेंट भी एलएसी को चिह्न्ति करते हुए फिंगर 4 की ऊंचाई पर दिखाई देते है, जहां के बारे में गूगल अर्थ बताता है कि यही एलएसी है।” भारत और चीन के बीच एलएसी लद्दाख में पहाड़ी ठंडे रेगिस्तान में है, जो पानी और भूमि से होकर गुजराता है और इसमें 135 किलोमीटर लंबा पेंगोंग सो समाहित है।
गौरतलब है की हिमाचल(Himachal) के साथ लगते अन्तराष्ट्रीय सीमाओं(International borders) तक सड़कों का जाल बिछाना शुरू कर दिया है। चीनी सरकार द्वारा किन्नौर के साथ लगते अंतराष्ट्रीय सीमाएं शिपकिला व कोरिक तक सड़को का जाल बिछाने के बाद अब कुनु-चरंग से आगे खेम कुल्ला पास की तरफ भी मोटर योग्य सड़क बनाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है।
संशय यह है कि अन्तराष्ट्रीय सीमाओं पर दो किलोमीटर का क्षेत्र जो नो मेन्स लेंड(No mens land) होता है, कही उस क्षेत्र में भी चीन सड़क निर्माण न कर दें। हाल ही में अन्तराष्ट्रीय सीमाओं के साथ लगता किन्नौर का आखरी गांव चारंग से कुछ लोग अर्धर्सेनिक बल के जवानों के साथ चरंग गांव से करीब 22 किलोमीटर आगे बार्डर की ओर गए। जब दल ने तिब्बत क्षेत्र की ओर नजर दौड़ाई तो उन्हें तिब्बत का अंतिम गांव तांगो से भी आगे अंतष्ट्रीय सीमाओं की तरफ सड़क निर्माण की गतिविधियाँ देखी। आशंका जताई जा रही है कि चीन अंतराष्ट्रीय सीमाओं तक सड़क का निर्माण न कर दे।
–आईएएनएस