नाहन : नागदेवता को भगवान शिव का आभूषण धार्मिक आस्था में माना जाता है। अब अगर नियमित तौर पर निर्माणाधीन शिव प्रतिमास्थल पर नागराज प्रकट होने लगें, तो निश्चित तौर पर धार्मिक भावनाएं अटूट हो जाती हैं।
यकीन मानिए, हरिपुरधार में मां भंगयाणी मंदिर से करीब 1200 मीटर की दूरी पर 8000 फुट की ऊंचाई पर भगवान शिव की प्रतिमा को स्थापित किया जा रहा है। हर रोज एक सांप सुबह 9 बजे के आसपास प्रस्तावित मूर्तिस्थल पर पहुंच जाता है। वहां करीब 2-3 घंटे कुंडली मार कर बैठा रहता है। इसके बाद कहां चला जाता है, किसी को भनक नहीं लगती। प्रतिमा के निर्माण में लगे कारीगर, जब शनिवार को काम पर पहुंचे तो मूर्तिस्थल पर करीब 5-6 फुट लंबे सांप को देखकर थोड़ा सहमे भी ओर चकित भी हुए। तुरंत ही सांप के समीप धूपबत्ती जलाकर पूजा-अर्चना की।
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कामगारों ने घटना की जानकारी मंदिर सेवा समिति को दी तो भंगयाणी माता मंदिर के पुजारियों व विद्वानों ने इस पर चर्चा की। हर कोई इसी निष्कर्ष पर पहुंचा कि मूर्ति निर्माण के लिए शुभ संकेत हैं। इस नतीजे पर भी पहुंचे कि बार-बार सर्प के प्रकट होने से यही संकेत मिल रहे हैं कि निर्माण कार्य से शिरगुल देवता भी प्रसन्न हैं।
मूर्ति निर्माण में लगे कारीगर राजा ने बताया कि देश के कई हिस्सों में मूर्तियों का निर्माण कर चुके हैं, लेकिन निर्माणस्थल पर इस तरह की घटना पहली बार देखी है। उनके अनुसार सुबह जब काम पर पहुंचते हैं तो नाग देव कुंडली लगाए बैठे होते हैं। धूपबत्ती के बाद कार्य शुरू कर दिया जाता है। जिस समय वो पूरी तरह काम में व्यस्त होते हैं तो नागराज खुद ही गायब हो जाते हैं।