हमीरपुर(एमबीएम न्यूज) : शक्तिपीठ बाबा बालक नाथ दियोटसिद्ध के ऊपर की पहाड़ी का खतरा अब दूर हो जाएगा। दरक रही इस पहाड़ी को एक गठ्ठरी में बांधने की तैयारी हो गई है। मंदिर ट्रस्ट ने दरक रहे पहाड़ को जाल से बांधने योजना बनाई है। पूरी पहाड़ी को ही लोहे के जाल से बांध दिया जायेगा ट्रस्ट के इस सपने को पूरा करने की जिम्मेदारी सतलुज जल विद्युत निगम ( एसजेवीएनएल ) को दी गई है। निगम अधिकारियों ने भी इस प्रोजेक्ट के कार्य को सिरे चढ़ाने की हामी भरते हुए इस कार्य के लिए अपने कर्मचारियो की जिम्मेदारी भी लगा दी है। यह अलग बात है कि खर्चे को लेकर ब्यौरा नहीं बन पाया है। मंदिर ट्रस्ट का लक्ष्य है कि इसी वर्ष इस कार्य को पूरा करवा दिया जाए। ताकि मार्च माह में होने वाले चाला मेले के दौरान यहां पर श्रद्वालु पूर्ण रूप से सुरक्षित हो जाऐ। आधुनिक तकनीक से मंदिर के ऊपर वाली पहाड़ी की नटिंग की जाएगी। इस जाले से ना तो पत्थर गिर सकेगे और न ही मिट्टी नीचे आ सकेगी।
पहाड़ी पर ऊगी झाडिय़ों में बंदर झूलते रहते है। इसी खींचातानी के चलते झाडिय़ों की जड़ों से मंदिर की पहाड़ी से पत्थर गिरना शुरू हो गए। यहां पर दर्जन भर श्रद्वालु अब तक पत्थर गिरने से घायल हो चुके है। बरसात के मौसम में अक्सर यहां पर ऐसी दुर्घटनाओं का खौफ बना रहता है। पहाड़ी से गिरने वाले पत्थर अक्सर मंदिर के गुंबद को भी क्षति पहुंचाते है। इसी के चलते एक बार मंदिर का गुबंद ही नीचे गिर गया। इसकी चपेट में भी श्रद्वालु आए थे। आस्था व विश्वास के इस स्थल में पिछले करीब पांच वर्षो से यह खतरा हर वर्ष बढ़ता जा रहा है।
मंदिर ट्रस्ट की होने वाली बैठकों में यह मामला अक्सर उठता रहा। श्रद्वालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के लिए हर कदम उठाए जाने के बावजूद पहाड़ी से गिरने वाले पत्थर असुरक्षा का प्रमाण देने लगे। चाला मेले का आयोजन मार्च माह में किया जाता है। एक माह तक चलने वाले इन मेलों के दौरान हिमाचल के साथ -साथ अन्य राज्यों के श्रद्वालुओं की अधिक भीड़ यहां होती है। आशंका रहती है कि भीड़ पर पत्थर गिरने से भगदड़ मच सकती है। लिहाजा इस स्थिति को पैदा होने से पहले ही मंदिर ट्रस्ट ने दरकती पहाड़ी को लोहे के जाले में जकडऩे की योजना तैयार कर इसे सिरे चढ़ाने का कार्य शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि मंदिर के ऊपर बने इस खतरे वाले स्थान पर लोहे के जाले को इस तरीके से बांधा जाएगा ताकि कोई भी पत्थर नीचें न गिर सके। बहरहाल बाबा की नगरी में श्रद्वालुओं के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुकी पहाड़ी की इस समस्या का हल अब हो जाएगा।
मंदिर के ऊपर वाली पहाड़ी को जाले से बांधने की योजना तैयार की गई है। श्रद्वालुओं की सुरक्षा को लेकर कदम उठाया जा रहा है । ताकि मंदिर पर बार-बार गिर रहे पत्थरों की घटनाओं पर विराम लग सके।
केसी शर्मा , मंदिर अधिकारी दियोटसिद्ध