धर्मशाला (एमबीएम न्यूज): जिला दंडाधिकारी कांगड़ा रितेश चौहान ने जिले में पीलिया, हैजा इत्यादि जैसे जल जनित रोगों के संभावित खतरे से बचाव के लिए दूषित खाद्य एवं पेयजल सामग्री की बिक्री एवं वितरण निषेध संबंधी आदेश जारी किए हैं। तुरंत प्रभाव से लागू किए गए यह आदेश मौजूदा पूरे वर्ष के लिए जारी रहेंगे।
आदेशों के अनुसार किसी भी प्रकार के अधपके, सड़े-गले अथवा कटे-फटे फलों एवं सब्जियों की बिक्री निषेध की गई है। इसके अतिरिक्त खुले में रखी मिठाई, मीट, मछली, चाट, खोयागिरी, केक, बिस्कुट, ब्रेड, दूध, दही सहित बिना ढके रखे अन्य खाद्य पदार्थों की बिक्री पर भी रोक लगाई गई है। इसके अतिरिक्त आईसक्रीम, सोडा वॉटर, कार्बोनेटिड वॉटर, शरबत और नींबू पानी जैसे पेयजल पदार्थ जीवाणु विज्ञानी (बैकटीरियोलॉजिस्ट) से जल के पीने योग्य होने का प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना नहीं बेचे जा सकेंगे। होटल, ढाबों इत्यादि में टूटे-फूटे बिना ढके बर्तनों एवं दूषित जल का प्रयोग निषेध रहेगा।
जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी आदेशानुसार हैजा फैलने के संदेह संबंधी किसी घटना में मुख्य चिकित्सा द्वारा आवश्यक समझे जाने की स्थिति में संबंधित इलाके में रहने वाले सभी लोगों का हैजा वैक्सीन की उपलब्धता पर टीकाकरण सुनिश्चित बनाया जाएगा। जिला दंडाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, जिला परिवार कल्याण अधिकारी, जिला तपेदिक अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक क्षेत्रीय अस्पतालों, औषधालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा अधीक्षक, स्वास्थ्य निरीक्षक, नगरपालिका सफाई निरीक्षक और जिले के सभी कार्यकारी दंडाधिकारियों को उपरोक्त पदार्थों के उत्पादन, बिक्री एवं भंडारण वाली दुकानों, भवनों और स्टॉलों इत्यादि सहित इस तरह के अन्य स्थलों में प्रवेश एवं निरीक्षण के लिए अधिकृत किया है। ये सभी अधिकारी ऐसे स्थलों पर इस तरह के मानव उपयोग के लिए अयोग्य पदार्थों को जब्त अथवा नष्ट करने के लिए अधिकृत किए गए हैं। अधिकृत अधिकारी किसी दुकानधारक अथवा डीलर द्वारा आदेशों की अवहेलना करने की स्थिति में उनके विरूद्ध आईपीसी की धारा 188 के अंतर्गत कोर्ट में मुकदमा दाखिल के लिए अधिकृत रहेंगे।