शिमला, 5 जुलाई : पिछले 21 साल से हमीरपुर विधानसभा में कांग्रेस एक अदद जीत को तरस रही है। इस बार विधानसभा चुनाव में हमीरपुर हाॅट सीट बनी हुई है। जहां मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हमीरपुर जिला से ताल्लुक रखते हैं, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद अनुराग ठाकुर भी इसी जिले से संबंध रखते हैं, जिसके चलते पूरे राष्ट्रीय मीडिया की नजरें हमीरपुर विधानसभा उप चुनाव पर टिकी हैं।
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ये दोनों नेताओं के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बनी हुई है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर अपने चरम पर है। यही नहीं, कुछ केंद्रीय एजेंसियों की छापामारी से भी चुनावी माहौल तल्ख हो गया है। इस चुनाव में भाजपा व कांग्रेस दोनों ने अंडर-50 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे हैं। भाजपा ने 2022 के चुनाव में जीते 37 वर्षीय आशीष शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने भी अपने पुराने उम्मीदवार डाॅ. पुष्पिंद्र (48) के ऊपर दोबारा विश्वास जताया है।
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दोनों दलों के युवा होने से चुनावी रोमांच चरम पर है। पिछले चुनाव में आशीष शर्मा ने निर्दलीय लड़ते हुए 47 प्रतिशत मत प्राप्त किए थे। वहीं, कांग्रेस के डाॅ. पुष्पिंद्र वर्मा को 23.65 प्रतिशत मत ही हासिल हुए थे। भाजपा के नरेंद्र ठाकुर को इस चुनाव में 23.35 प्रतिशत मत हासिल हुए थे। इस बार परिस्थितियां बदली हुई हैं। जहां, प्रदेश सरकार ने चुनाव में पूरी ताकत झौंक रखी है, वहीं निर्दलीय जीते आशीष शर्मा को भाजपा कैडर का फायदा मिलता दिख रहा है।
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आशीष शर्मा की पत्नी भी उनके लिए प्रचार में जुटी हुई हैं। इस सीट पर अधिकतर भाजपा का दबदबा रहा है। पूर्व में पटलांदर से संबंध रखने वाले स्व. जगदेव चंद ठाकुर यहां से लंबे समय तक भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतते रहे। वह भाजपा की सरकार में कई बार मंत्री बने। उनको भाजपा सरकार में शांता कुमार के बाद दूसरे नंबर पर माना जाता था। उनकी छवि स्वच्छ व लोकप्रिय थी। उनकी मृत्यु के बाद कांग्रेस की अनीता वर्मा यहां विधायक बनती रही।
भाजपा में स्व. जगदेव चंद के पुत्र नरेंद्र ठाकुर को धूमल ने उतनी तरजीह न दी। उन्होंने उनकी भाभी उर्मिल ठाकुर को दो बार विधानसभा पहुंचने का मौका दिया, जिस कारण यहां कई बार भाजपा में बिखराव की स्थिति भी बनी। मगर, प्रेम कुमार धूमल ने हर बार स्थिति को संभाल कर भाजपा को संगठित रखा। वह स्वयं भी एक बार यहां से 2012 में विधानसभा पहुंचे थे। इसके बाद वह पांच साल तक मुख्यमंत्री भी रहे।
आशीष शर्मा के भाजपा में आने से नरेंद्र ठाकुर व उनके समर्थक खामोशी धारण किए हुए हैं। 2022 में उन्होंने लगभग 12 हजार से अधिक वोट प्राप्त किए थे। अब देखना है कि उनके समर्थक भाजपा उम्मीदवार को दिल से समर्थन करते हैं या भीतरघात हो सकता है। वहीं कांग्रेस के पुष्पिंद्र वर्मा की जीत का दारोमदार मुख्यमंत्री सुुक्खू पर टिका है। हालांकि यहां कांग्रेस का अच्छा-खासा वोट बैंक है, मगर निर्दलीय लड़े आशीष शर्मा ने पिछली बार कांग्रेस व भाजपा दोनों के वोट बैंक में सेंध लगाई थी।
कुल मिलाकर यह मुकाबला बेहद दिलचस्प है, जहां मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पुष्पिंद्र की जीत के लिए पुरजोर दम लगा रखा है, वहीं आशीष के लिए पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर चुनावी मोर्चे पर डटे हैं। आशीष शर्मा को प्रेम कुमार धूमल का आशीर्वाद भी प्राप्त है। अब देखना है कि पिछले 21 साल का सूखा सहन कर रही कांग्रेस क्या इस बार चुनाव परिणाम बदल सकती है।