मंडी (एमबीएम न्यूज़): मंडी जिला के सरकारी अस्पतालों में रोगी कल्याण समितियों के माध्यम से तैनात कर्मचारियों को बीते 4 महीनों से वेतन के लिए तरसना पड़ रहा है। जिला अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (मनकोटिया गुट) ने समय पर वेतन का भुगतान न होने पर कड़ा एतराज जताया है।
महासंघ के महासचिव अमरजीत शर्मा ने बताया कि जिला के विभिन्न अस्पतालों में रोगी कल्याण समिति के अन्तर्गत कार्यरत पैरा मैडिकल स्टाफ जिसमें फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, प्रयोगशाला सहायक आदि पदों पर कार्यरत कर्मचारी बीते दिसम्बर 2015 से वेतन से महरूम हैं, जिससे जहां एक ओर उनका आर्थिक रूप से शोषण हो रहा है, वहीं उन्हें अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण करने में विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि मार्च माह में सरकार द्वारा वेतन का भुगतान करने के लिए बजट का प्रावधान कर दिया गया है, लेकिन यह बेहद चिन्ता का विषय है कि चालू वित्त वर्ष के अन्त मेें कर्मचारियों के लिए पिछले छः महीनों के वेतन का भुगतान करने के लिए बजट का प्रावधान करना एक गलत परम्परा है। उन्होंने कहा कि वास्तव में रोगी कल्याण समिति के माध्यम से कार्यरत ऐसे कर्मचारी न तो अनुबंध व न ही आउटसोर्सिज आधार पर लगे हैं, बल्कि कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से चयनित होने के बाद ही इनकी नियुक्तियां हुई हैं और उसके बावजूद भी इन कर्मचारियों के साथ ऐसा भेदभाव होना सरासर अन्याय और उनका आर्थिक शोषण है।
अमरजीत शर्मा ने कहा कि जब प्रत्येक सरकारी कर्मचारी को हर माह की पहली या दो तारीख को वेतन का भुगतान हो जाता है, तो ऐसी समितियों के माध्यम से लगे कर्मचारी जो अस्पतालों में अपनी एमरजेंसी सेवाएं प्रदान करते हैं, यह भी समय पर अपना वेतन पाने के हकदार हैं। उन्होंने इस बात का भी कड़ा संज्ञान लिया कि वित्त विभाग द्वारा समय पर बजट का प्रावधान न कर पाने से ऐसे कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीे मिल पाता, जिस कारण उन्हें गम्भीर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह व स्वास्थ्य सचिव सहित वित्त सचिव ऐसे संवेदनशील मामले में सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए स्वास्थ्य विभाग में रोगी कल्याण समिति के माध्यम से लगे कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान करने के लिए उचित पग उठाने का आग्रह किया।