मंडी (वी. कुमार): मौजूदा राज्य सरकार ने 775 गांवों को वाईल्ड लाईफ सेंचुरी एरिया से बाहर करके लोगों को वनों से उनके अधिकार दिलाने का उत्कृष्ट कार्य किया है, ताकि वनों पर आश्रित लोगों को जीवन यापन करने में कोई दिक्कत पेश न आ सके। यह बात वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने वन मंडल गोहर के तहत आने वाली जबराट बीट में 10 लाख रूपए की लागत से बने सामूहिक वन कुटीर का शुभारंभ करने के उपरांत जनसभा को संबोधित करते हुए कही।
इससे पूर्व वन मंत्री का चैलचौक पहुंचने पर नाचन कांग्रेस ने बैंड बाजे के साथ भव्य स्वागत किया। चैलचौक के बाद वन मंत्री जैसे ही तरौर गांव पहुंचे तो उनका माहूंनाग मंदिर में मंदिर कमेटी द्वारा भव्य स्वागत किया गया। मंत्री ने देवता के मंदिर में पूजा अर्चना की और देवता से आशीर्वाद लिया। इस मौके पर नाचन के विधायक विनोद कुमार और एससीएसटी विकास निगम के चेयरमैन टेक चंद डोगरा भी मौजूद रहे। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए वन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में चहुंमुखी विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वनों के सरंक्षण और संवर्धन के लिए सरकार प्रयासरत है। भरमौरी ने कहा कि प्रदेश में बढ़ रही बंदरों की संख्या की जिम्मेवार पूर्व की भाजपा सरकार है। वन मंत्री ने कहा कि बंदरों की वजह से फसलों को हो रहे नुकसान से निजात दिलाने के लिए सरकार गंभीर है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में 1600 हैक्टेयर वन भूमि की वृद्धि हुई है। जिसमें सरकार ने पशु पालकों के हितों को ध्यान में रखते हुए अनेक गावों को सेंक्चयुरी एरिया से बाहर किया गया है। वन मंत्री ने कहा कि 740 हैक्टेयर भूमि पर अटाला घास रोपित किया गया है। मंत्री ने कहा कि मंडी जिला में 3588 बंदरों की नसबंदी की जा चुकी है। इस मौके पर वन मंत्री ने तरौर गांव में बनाए गए सामूहिक कुटीर को वन विश्राम गृह का दर्जा देने का ऐलान किया। उन्होंने सामूहिक कुटीर तक रास्ता बनाने के लिए धनराशि उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया। वन मंत्री ने विधायक विनोद कुमार और चेयरमैन टेक चंद की मांग पर शिकारी देवी मंदिर और कमरूनाग मंदिर तक रास्ते और सडक की मरम्मत के लिए उचित धनराशि देने का आश्वासन दिया।