मंडी (वी. कुमार): बुधवार को जहां मंडी में जिला परिषद के नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव हुआ, वहीं तीन सदस्य ऐसे भी थे, जिन्होंने इस चुनाव का पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया और मतदान की प्रक्रिया में भाग न लेते हुए सभागार से बाहर चले आए।
बता दें कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थित तीन जिला परिषद सदस्य इस बार चुनकर आए हैं और इन तीनों सदस्यों ने कांग्रेस और भाजपा को अपना समर्थन देने से पूरी तरह से इंकार कर दिया। बुधवार को जैसे ही जिला परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई तो इन्होंने सभागार में ही मतदान की प्रक्रिया में भाग न लेने का ऐलान करते हुए वहां से किनारा कर दिया। किनारा करने वालों में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव कामरेड भूपेंद्र सिंह, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव संत राम और कामरेड श्याम सिंह शामिल थे।
इन कामरेडों का कहना है कि जनता ने चुनावों में भाजपा और कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को दरकिनार करते हुए इनका चयन किया है। ऐसे में अगर यह भाजपा या फिर कांग्रेस को अपना समर्थन देते हैं तो यह जनता के साथ छल होगा। हालांकि इन्होंने तीसरी विकल्प तैयार करने की भी सोची थी, लेकिन उस पर भी कोई बात नहीं बन पाई। कम्युनिस्टों का कहना है कि जनता से जुड़े हुए जितने भी मसले हैं उन्हें सदन के भीतर प्रमुखता से रखा जाएगा और जनता की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करवाया जाएगा।
कम्युनिस्टों ने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की कि पंचायत चुनाव पार्टी पर आधारित नहीं होते, लेकिन पार्टियां इसे पूरी तरह से राजनीतिक रंग दे देती हैं और जिला परिषद के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पदो के लिए भी खरीद फरोख्त की जाती है। इन्होंने इस प्रकार की कार्रवाही की कड़े शब्दों में निंदा की है।