हेलसिंकी, 8 अक्टूबर : जलवायु (Climate) और मानवाधिकारों (Human rights) के मुद्दों पर सक्रिय रूप से अभियान चलाने वाली 16 साल की एक किशोरी को एक दिन के लिए फिनलैंड (Finland) की प्रधानमंत्री बनाया गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देश से लिंगभेद मिटाने (Eradicate sex) के एक अभियान के हिस्से के रूप में किशोरी (teenager) को यह सम्मान दिया गया। बीबीसी ने बताया कि प्रधानमंत्री मारिन (Prime Minister Marin) ने एक दिन के लिए अपना पद किशोरी एवा मुर्तो के लिए छोड़ दिया है। इस एक दिन में मुर्तो राजनेताओं से मुलाकात करेंगी और टेक्नोलॉजी में महिलाओं के अधिकारों पर बात करेंगी।
मानवतावादी संगठन (Humanitarian organization) प्लान इंटरनेशनल की ‘गर्ल्स टेकओवर’ (Girls takeover) पहल में फिनलैंड की भागीदारी का यह चौथा वर्ष है। यह संगठन दुनियाभर के देशों के किशोरों को एक दिन के लिए नेताओं और अन्य क्षेत्रों के प्रमुखों की भूमिका निभाने की अनुमति देता है। इस वर्ष संगठन का जोर लड़कियों के लिए डिजिटल कौशल और तकनीकी अवसरों को बढ़ावा देने पर है। एक भाषण में मुर्तो ने कहा, “आज यहां आपके सामने बोलने में बहुत खुशी हो रही है। हालांकि, एक तरह से मैं चाहती हूं कि मुझे यहां खड़ा न होना पड़े और लड़कियों के चलाए जा रहे टेकओवर जैसे अभियानों की जरूरत ही न पड़े।”
उन्होंने आगे कहा, “हालांकि, सच्चाई यह है कि हमने अभी तक पूरी धरती पर कहीं भी लिंग समानता (gender equity) हासिल नहीं की है। जबकि हमने इस क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है, फिर भी अभी बहुत काम करना बाकी है।” बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री के तौर पर केवल 34 साल की उम्र में शपथ लेने वाली मारिन ने जोर देकर कहा कि टेक्नोलॉजी की ‘सभी के लिए सुलभता’ सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। बता दें कि मारिन फिनलैंड की तीसरी महिला प्रधानमंत्री हैं और 4 अन्य पार्टियों के साथ केंद्र में गठबंधन का नेतृत्व करती हैं। इन चारों पार्टियों की अध्यक्ष महिलाएं हैं और इनमें से 3 की उम्र 35 साल से कम है।