एमबीएम न्यूज़/शिमला
प्रदेश भाजपा में सबसे बड़े जिले कांगड़ा में नेताओं के बीच उपजा विवाद दिल्ली तक पहुंच गया है। अंतर्कलह के चलते आजकल कांगड़ा में दो बड़े नेताओं के बीच घमासान जारी है। वहीँ भाजपा की एक नेत्री आलाकमान में अपनी पैठ के चलते दिल्ली दरबार पहुंच गई हैं। गौरतलब है कि भाजपा के इतिहास में अंतर्कलह की चिंगारी इस बार भी ज्वालामुखी से उठी है। इससे पहले भी धूमल-शांता प्रकरण की ज्वालाएं भी यही से भड़की थी। कांगड़ा राजनीतिक रूप से बहुत महत्तवपूर्ण जिला है।
ज्वालामुखी के विधायक व योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला भाजपा के संगठन मंत्री पवन राणा के हस्तक्षेप से नाराज चल रहे हैं। इसको लेकर उन्होंने बाकायदा मुख्यमंत्री से भी बीते दिनों पीटरहॉफ में एक बंद कमरे में मंत्रणा की थी। मीडिया में बार-बार नाराजगी की ख़बरों से क्षुब्ध संगठन मंत्री पवन राणा ने रमेश धवाला पर मिनिस्ट्रियल फोबिया होने का बयान दागा था। जिसके बाद रमेश धवाला ने उत्तर देते हुए कहा था कि वह दो बार विधायक और दो बार मंत्री रहे हैं।
उन्होंने राणा से पूछा है कि वो कब उनके पास मंत्री बनाने को लेकर आग्रह करने गए थे। इस तमाम वॉक युद्ध के बीच मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने तटस्था बनाए रखी। इसी के चलते यह मामला दिल्ली दरबार पहुंच गया है। वहीं महिला नेत्री इंदु गोस्वामी ने भी पालमपुर निर्वाचन क्षेत्र में स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार के हस्तक्षेप को लेकर इस्तीफा दे दिया था। अब वो भी आलाकमान में अपना दुखड़ा रोने दिल्ली पहुंची है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के लिए कांगड़ा में पार्टी की सिर फुटौवल चिंता का कारण बन सकती है। देखना है कि भविष्य में ज्वालामुखी से उठी चिंगारी को वो कैसे बुझा पाते हैं।