मंडी : खाद्य आपूर्ति विभाग के डिपूओं में अगले महीने से पोषक तत्वों से भरपूर आटा मिलेगा। इस ‘फोर्टिफाइड आटे’ में फॉलिक एसिड, आयरन एवं बी12 जैसे पोषक तत्व मिलाए जाएंगे, ताकि इसके पोषण स्तर में वृद्धि हो। इसके लिए आटा मिल संचालकों को आटे में उपयुक्त मात्रा में पोषक तत्व मिलाने को लेकर प्रशिक्षित किया जाएगा। उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने यह जानकारी मंगलवार को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के कार्यान्वयन को लेकर गठित जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक के उपरांत दी।
उन्होंने कहा कि जिले में फूड फोर्टिफिकेशन पर जोर दिया जा रहा है। मिल्कफैड व दुग्ध व्यापार से जुड़ी अन्य इकाईयों को दूध में विटामिन ए एवं डी उपयुक्त मात्रा मिलाने को लेकर प्रशिक्षित किया जा रहा है। ऋग्वेद ठाकुर ने फूड फोर्टिफिकेशन के बारे में बताते हुए कहा कि इसके जरिए दूध, चावल, तेल, आटा, नमक जैसे खाद्य पदार्थो में आयरन, आयोडिन, जिंक, विटामिन ए एवं डी जैसे प्रमुख खनिज पदार्थ एवं विटामिन जोड़ कर इनके पोषण स्तर में वृद्धि की जाती है।
सरकार का जोर है कि लोग पोषणयुक्त खना खाएं जिससे उनके शरीर में जरूरी खजिन व विटामिन की कमी न हो व वे स्वस्थ जीवन जिएं। इस प्रसंस्करण प्रक्रिया से पहले मूल खाद्य पदार्थों में ये पोषक तत्त्व मौजूद हो भी सकते हैं और नहीं भी।
‘पिंक बुक’ बताएगी सेहतमंद व सुरक्षित खाने के नुस्खे
उपायुक्त ने कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने ‘पिंक बुक’ नाम से एक किताब बनाई है। इसमें सुरक्षित व पोषणयुक्त खाने को लेकर विभिन्न जानकारियां दी गई हैं। घर में खाना बनाते हुए क्या क्या सावधानियां बरती जानीं चाहिए, कौन सी खाद्य सामग्री किस तापमान पर पकानी चाहिए, इस किताब में सुरक्षित खाने से जुड़ी ऐसे सभी बातें हैं। इसमें शुद्ध खाद्य सामग्री खरीदने, उसकी गुणवत्ता परखने से लेकर उसके उपयोग से जुड़ी जानकारी भी है। इसके साथ ही स्कूलों में सुरक्षित खाने को लेकर जानकारी देने के लिए लिए एफएसएसएआई ने येलो बुक तैयार की है। इन किताबों को एफएसएसएआई की साइट से डाउनलोड किया जा सकता है।
स्वच्छ स्ट्रीट फूड पर दें ध्यान
ऋग्वेद ठाकुर ने स्वच्छ स्ट्रीट फूड पर ध्यान देने पर जोर दिया। उन्होंने अध्किारियों को निर्देश दिए कि खाद्य सुरक्षा मानकों का ठीक से पालन करने वाले खाद्य प्रतिष्ठानों, खाद्य सामग्री बेचने वाली दुकानों व रेहड़ी-फड़ी पर फूड सेफ्टी के प्रमाण पत्र लगवाना तय बनाएं। यह सुनिश्चित करें कि होटलों-ढाबों के अलावा गलियों-नुक्कड़ पर रेहड़ी-फड़ी वाले भी खाद्य सामग्री बनाते व परोसते समय ऐप्रन, दस्ताने और टोपी पहनें। इससे खाद्य सुरक्षा को लेकर लोगों का विश्वास बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि फोस्टैक (फूड सेफ्टी एंड ट्रेनिंग सर्टिफिकेशन) कार्यक्रम के तहत जिले के खाद्य कारोबारियों को हेल्थ और हाइजीन को लेकर प्रशिक्षण करवाया गया है। उन्हें पदार्थों की गुणवत्ता, साफ सफाई व खाद्य पदार्थ बनाने एवं परोसने की स्वच्छ व सुरक्षित विधि को लेकर शिक्षित किया गया है।
प्रोजेक्ट ‘भोग’
ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि जिले में एफएसएसएआई के प्रोजेक्ट ‘भोग’ के तहत मंदिरों में मिलने वाले प्रसाद व भोग सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी। इसके तहत खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन करने वाले मंदिरों को खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। इसके तहत जिले के उन सभी धार्मिक स्थलों को लाया जाएगा। जहां लंगर की व्यवस्था है। प्रोजेक्ट ‘भोग’ के तहत धार्मिक स्थलों पर गुणवत्तापरक शुद्ध प्रसाद मिलेगा।
सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा अनिल शर्मा ने बैठक की कार्रवाई का संचालन किया व विभाग द्वारा खाद्य सुरक्षा तय बनाने को लेकर उठाए कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर डीएसपी कर्ण गुलेरिया, महाप्रबंधक उद्योग ओपी जरयाल, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश ठाकुर, सलाहकार समिति के अन्य सरकारी सदस्य व अधिकारी, व्यापार मंडल मंडी के प्रतिनिधि प्रशांत बहल व पंकज कपूर, होटल एवं रेस्टोरैंट एसोसिएशन के सचिव अंशुल मल्होत्रा व अन्य गैर सरकारी सदस्य मौजूद रहे।