हमीरपुर, 14 सितंबर : कोरोना महामारी में जो लोग हौंसला हार रहे हैं, उनके लिए हिमाचल के हमीरपुर की 95 वर्ष की वृद्धा की कहानी प्रेरणा (Inspiration) बनी है। बेटे की मौत के गम के बीच जिले के पनसाई निवासी 95 वर्षीय वृद्धा जयवंती देवी ने कोरोना को मात दी है। करीब 10 दिन तक हमीरपुर के एनआइटी (NIT) स्थित कोविड केयर सेंटर में रहने के बाद वृद्धा घर लौट आई। वृद्धा, उसकी बहू कमला देवी व पौत्र की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
जयवंती देवी के मंझले बेटे जुल्फी राम की हृदयाघात (heart attack) से ऊना में 26 अगस्त को मौत हो गई थी। मौत के बाद उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उसके बाद परिवार समेत पनसाई गांव से करीब 40 लोगों के सैंपल लिए थे, जिसमें वृद्धा, उसकी बहू व पौत्र मुकेश शर्मा पॉजिटिव पाए गए थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम उसी दिन उन्हें हमीरपुर स्थित कोविड केयर सेंटर ले गई थी। तीनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई और शुक्रवार को सभी घर लौट आए।
कोरोना को मात देकर घर लौटी वृद्धा जयवंती देवी का कहना है कि हिम्मत और योग के जरिये इस बीमारी से पार पाया है। वृद्धा ने कहा कि दो बेटे तो पहले ही भगवान ने छीन लिए थे अब तीसरे बेटे की मौत ने मेरे जीने का सहारा ही छीन लिया है।
वृद्धा ने बताया कि एनआइटी में उसकी बहू व पौत्र साथ ही थे, लिहाजा किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई। सुबह उठते ही योग करना और दिनभर गर्म पीना हमारी दिनचर्या थी। इम्यूनिटी बढ़ाने वाली कुछ दवाएं जरूर दी जाती थीं, लेकिन आयुर्वेदिक काढ़ा सबसे बेहतरीन दवा है। यहां समय-समय पर डॉक्टरों की ओर से परामर्श भी दिया जाता था। यहां खाने के लिए सादा भोजन मिलता था