मंडी (वी कुमार) : हिमाचल प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले किताबें पहुंचा दी गई हैं। इसके लिए हिप्र शिक्षा विभाग ने “मिशन टेक्स्ट बुक” के नाम से एक अभियान चलाया था, जिसके परिणामस्वरूप ही यह संभव हो पाया है। विभाग का दावा है कि समय पर किताबें पहुंचाने के मामले में हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य भी बन गया है।
इस बार प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 1 अप्रैल से नए शैक्षणिक सत्र की पढ़ाई शुरू होने जा रही है। इसके पीछे का कारण है, प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में समय पर किताबों का पहुंचना। बता दें कि सरकारी स्कूलों में सभी बच्चों को शिक्षा विभाग निशुल्क किताबें मुहैया करवाता है, लेकिन किताबें समय पर न पहुंचने के कारण शैक्षणिक सत्र की पढ़ाई आरंभ करने में काफी ज्यादा दिक्कतें झेलनी पड़ती थी।
कई बार तो स्कूलों में आधा शैक्षणिक सत्र समाप्त हो जाने के बाद बच्चों को किताबें नसीब हो पाती थी। इस बार शिक्षा विभाग ने “मिशन टेक्स्ट बुक” के नाम से एक अभियान चलाया और किताबों को स्कूलों में समय से पहुंचाने की ठानी। शिक्षा विभाग ने पहला प्रयास विंटर क्लोजिंग स्कूलों में किया, जहां पर सारी किताबें समय पर पहुंचा दी गई। इसके बाद समय क्लोजिंग स्कूलों में भी यह प्रयास सफल रहा और सभी स्कूलों में समय पर किताबें पहुंच चुकी हैं।
1 अप्रैल से जैसे ही नए शैक्षणिक सत्र का आरंभ होगा तो बच्चों को किताबें बांटकर पढ़ाई शुरू करवा दी जाएगी। सर्वशिक्षा अभियान जिला मंडी की परियोजना अधिकारी हेमंत शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने दावा किया है कि समय पर किताबें पहुंचाने के मामले में हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य भी बन गया है। वहीं शिक्षा विभाग ने पिछले वर्ष से सभी सेंटर स्कूलों में बुक बैंक भी स्थापित कर दिए हैं।
यदि स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ जाती है तो बच्चों को बुक बैंक से किताबें मुहैया करवाई जाएंगी। बुक बैंक में उन किताबों को रखा गया है, जिन्हें बच्चे पढ़ने के बाद स्वेच्छा से स्कूल में जमा करवा देते हैं। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में को दो भागों में बांटा गया है, जिसमें विंटर क्लोजिंग और समर क्लोजिंग वाले स्कूल शामिल किए गए हैं।
विंटर क्लोजिंग वाले स्कूलों में तो नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन समर क्लोजिंग 1 अप्रैल से शैक्षणिक सत्र का आगाज होना है। वर्ष के अंत में ही इस बात का पता चल पाएगा कि शिक्षा विभाग के “मिशन टेक्स्ट बुक” को कितनी सफलता मिली।