मंडी (वी.कुमार) : सरकारी संपति को नुकसान पहुंचाना आम बात हो गई है मगर जब प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कुछ अच्छे प्रयास होते हैं जिससे स्थानीय लोगों को भी लाभ मिलता है उसका ही सही तरीके से रखरखाव न हो पाए तो फिर भला पर्यटन को बढ़ावा कैसे मिलेगा। इसी तरह का जीता जागता उदाहरण है प्रदेश के प्रख्यात सौंदर्य स्थल बरोट के रास्ते पर झंटीगरी में बनाया गया अत्याधुनिक रेन शैल्टर। जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर की दूरी पर झंटीगरी के आगे घने जंगलों के बीच बनाया गया रेन शैल्टर।
पर्यटन विभाग ने एक ऐसी जगह का चयन किया था जहां से पर्यटक पूरी चौहार घाटी को देख सकें, घने जंगलों के सौंदर्य को निहार सकें, बर्फ से लबालब चोटियों के सौंदर्य से रूबरू हो सकें और फिर बुरास के पौधों पर फूलों के रूप में खिली लाली की महक नजदीक से ले सके। कुछ पल यहां बैठें और आनंदित हो पाएं। इसी गरज से इसका निर्माण लगभग एक साल पहले पहाड़ी शैली में किया गया था।
यही नहीं इसमें महंगे स्टील वाले बैंच भी लगाए गए थे ताकि पर्यटक परिवार सहित यहां आराम से कुछ पल बैठ सकें और एक अच्छा संदेश यहां से लेकर जाएं, मगर कुछ ही दिनों बाद शराबियों ने इसमें रखे महंगे बैंचों को तोड़ कर जमींदोज कर दिया, अब यहां शराब की बोतलें स्वागत करती हैं, टूटे बैंच यहां की शोभा बन गए हैं और एक आकर्षक ठहराव गंदगी के ढेर में बदल गया है। सवाल तो यही उठता है कि ऐसे में ग्रामीण पर्यटन कैसे आगे बढ़ेगा और इस तरह के तैयार ढांचे का सही रख रखाव कैसे हो पाएगा।
इस बारे में जब मंडलीय पर्यटन अधिकारी एवं उपनिदेशक पर्यटन नीरज महाजन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इसके निर्माण के लिए पर्यटन विभाग ने वर्ष 2015—16 के बजट में तीन लाख रुपए मंजूर किए थे जो विकास खंड अधिकारी द्रंग पधर को दिए गए। उन्होंने ने ही इसका निर्माण करवाया था और उन्होंने ही इसका रख रखाव करना है। उन्होंने रेन शैल्टर की दुर्दशा पर हैरानी भी जताई और दुख भी जाहिर किया कि ऐसे में तो पर्यटन गतिविधियों को धक्का लगता है।