धर्मशाला (एमबीएम न्यूज): हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 10वीं व 12वीं की परीक्षाओं की लाइव प्रसारण से निगरानी रखने का फैसला लिया है। पूरी तैयारी को अंजाम दे दिया गया है। हालांकि परीक्षा 3 मार्च से शुरू होनी है, लेकिन 2 मार्च से पूरा प्लान ऑपरेशनल हो जाएगा। फिलहाल बोर्ड ने इस व्यवस्था को उन चुनिंदा परीक्षा केंद्रों पर लागू किया है, जो केंद्र नकल को लेकर संवेदनशील हैं।
जानकारों के मुताबिक समूचे प्रदेश में इस व्यवस्था को एक साथ लागू करना संभव नहीं था, लेकिन चरणबद्ध तरीके से इसे करने की गुंजाइश है। स्वाभाविक है, नकल पर नुकेल कसने की कवायद का ही यह कदम हिस्सा है। बोर्ड मुख्यालय में निगरानी कक्ष स्थापित हुआ है। इस कक्ष में उन परीक्षा केंद्रों की सर्विलेंस की जाएगी, जो तीसरी आंख यानि सीसी टीवी कैमरों की जद में होंगे।
बोर्ड ने निगरानी कक्ष में उप सचिव स्तर के अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है। इस कक्ष में 20 कंप्यूटर लगाए गए हैं, जिन पर परीक्षा केंद्रों का लाइव प्रसारण देखा जाएगा। बोर्ड के मुताबिक सैटेलाइट सिस्टम रिपोर्टिंग प्रणाली के तहत निगरानी रखी जाएगी। परीक्षा केंद्र मेंं कोई भी अनुचित गतिविधि पाई जाती है तो तुरंत ही निगरानी कक्ष से इसकी जानकारी अधीक्षक को दी जाएगी। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए बोर्ड ने हाई रेज्यूलेशन डिजीटल कैमरों को परीक्षा केंद्रों में स्थापित किया है।
निगरानी कक्ष के अलावा भी बोर्ड ने उडऩदस्ते गठित किए हैं। परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए बोर्ड मुख्यालय में परीक्षा संबंधी जानकारी एवं मार्गदर्शन स्थापित करने के लिए अलग से कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है। यह केंद्र भी 2 मार्च 2017 को प्रात: 8 बजे से रात्रि 11 बजे तक पूरी परीक्षा की अवधि में काम करता रहेगा। बोर्ड के मुताबिक परीक्षा से संबंधित कोई भी गोपनीय व महत्वपूर्ण जानकारी भी मार्गदर्शन केंद्र में उपलब्ध करवाई जा सकती है, जिसे गोपनीय रखा जाएगा।
हाईटैक क्यों…
प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में नकल को रोकना ही पहला मकसद है। परीक्षा केंद्रों में तैनात स्टाफ की कार्यशैली भी सामने आएगी। परीक्षा में हिस्सा ले रहे छात्रों को भी सीसी टीवी कैमरों का डर होगा। बोर्ड का आधुनिक डिजीटल टैक्नोलॉजी की तरफ सराहनीय कदम रिकॉर्ड में दर्ज हो सकता है।