मंडी (वी कुमार) : मुख्यालय में मदद के लिए भटकते कई लोग प्रशासन के द्वार आते हैं। आश्वासन मिलते हैं, मगर सही तरीके से कोई मदद नहीं करता है। अपनों के इलाज के लिए कोई कर्जदार हो जाता है, कोई सडक़ों में मदद के लिए हाथ पसारे खड़ा है।
कुछ ऐसी ही कहानी है, तलियाड़ की रूकमणि और कुछ ऐसे ही बोल है नेरचौक के राजुकमार के। रूकमणि देवी पिछले छ: महीनो से परेशान हैं। वजह बीमार पति और जवान होती चार बेटिंयां। रूकमणि के 47 साल के पति की दोनों किडनियां खराब है। हर महीने इलाज केे लिए बीस से 25 हजार की दरकार है। मगर रूकमणि के पास जितना था, वह उसने अपनी पति की बीमारी में लगा दिया। हर महीने चंडीगढ़ पति को इलाज के लिए ले जाना पड़ता है। आज हालत ये है कि बेटियों से स्कूल छूट गया।
परिवार में आर्थिक संकट पड़ा है। एक बेटी जवान हो रही है। रूकमणि की मदद प्रशासन ने 25 सौ रूपए देकर अपना फर्ज पूरा कर लिया। जबकि उसके पति को एक-एक इंजेक्शन पांच-पांच हजार रूपए का लगता है। वह कहती है कि मदद में कितना कर्ज लू। रोते हुए अपनी व्यथा सुनाते हुए कहने लगी अब उसे पास आंसुओं के अलावा कुछ नहीं है। घर में चुल्हा-चौका भी ठप्प हो गया है। आलम यह है कि एक बेटी होनहार होने के बावजूद कालेज जाने से महरूम हो गई है ।
गाड़ी वाले ने बना दिया अपाहिज
कुछ ऐसा ही हाल है मंडी के नेरचौक तहसील के नौणधार गांव के राजकुमार का। एक गाड़ी वाले ने उसे ऐसी टक्कर मार कि अपने पैरों पर चलने वाला राजकुमार बैसाखियों के सहारे हो गया है। बुधवार को मीडीया के सामने अपना दुख दर्द ब्यान करते हुए राजुकमार फूट-फूट कर रोने लगा। उसका दायां पैर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है।
डाक्टर ने पैरों में प्लेट डालने के 70 हजार रूपए का खर्चा बताया है। मगर शान से रेहड़ी लगाकर परिवार का पेट भरने वाला राजकुमार दो जून की रोटी के लिए महरूम हो गया। घर में दो बच्चे, पत्नी के अलावा एक बूढ़ी मां है। उसकी बूढ़ी मां भी पिछले दिनों पेड़ से गिर गई, जिससे उसकी रीढ़ की हडडी पर चोट लगी है।
न बीपीएल न आई आरडीपी
मजे की बात है कि उक्त परिवार सरकारी तौर पर न आईआरडीपी में है और न ही बीपीएल में। इन परिवारों की हालत देखकर यही लगता है कि सरकार कितने भी अच्छे स्वास्थ्य सेवाओं के दावे कर ले। मगर गरीब और लाचार अपना इलाज पैसे न होनें की वजह से करवा पा रहे हैं। प्रशासन उनकी मदद तो करना चाहता है। मगर कागजी कार्रवाईयों में उलझाए रखता है ।
ऐसे कर सकते है मदद
रूकमणि देवी की मदद उसके मोबाइल 98056-49735 पर की जा सकती है। जबकि राजकुमार के पास कोई मोबाईल फोन भी नहीं है। ऐसे में अगर कोई मदद करना चाहता है। उसके खाता नंबर 0497001700023793 जो राजुकमार सपुत्र तो तोता राम के नाम से है।
क्या कहते है जिला रैडक्रास के सचिव
इस बारे में जिला रैडक्रास सचिव ओपी भाटिया ने कहा कि उक्त दोनों पीड़ीतों को रेैडक्रास में अपना पूरा ब्यौरा देना होगा। उन्होंने कहा कि दोनों को मदद मिलेगी। उन्होनें कहा कि वे उनके कार्यालय में आकर अपनी यथा स्थिति जरूर बताएं ।