नाहन (एमबीएम न्यूज): प्रदेश कांग्रेस कमेटी के व योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर ने राजगढ़ व पांवटा साहिब की 24 पंचायतों को ट्रांसगिरि क्षेत्र से हटाए जाने के मामले पर बड़ी बात कही है। मुसाफिर ने कहा कि ये ठीक है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के इंस्टीटयूट ऑफ ट्राइबल स्टडीज ने अपनी रिपोर्ट में पंचायतों को ट्रांसगिरि से हटाने का अनुमोदन किया था, लेकिन सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया।
मुसाफिर ने कहा कि कैबिनेट ने 30 अगस्त को प्रस्ताव भेज कर केंद्र सरकार से ट्रांसगिरि क्षेत्र की तमाम 132 पंचायतों को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा देने का आग्रह किया था। मुसाफिर ने कहा कि इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा कांग्रेस सरकार ट्रांसगिरि को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दिलवाने के लिए कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में जो भी संभव है, वह औपचारिकता पूरी कर दी गई है।
अंतिम फैसला केंद्र सरकार को ही लेना है। सोमवार को राजगढ़ में हाटी महा सम्मेलन आयोजित हुआ था। इसमें उमड़े जनसैलाब को देखकर आयोजक भी दंग रह गए थे। दरअसल इस महा सम्मेलन में पहुंचे लोगों को इस बात से नाराजगी थी कि 19 पंचायतों को ट्रांसगिरि क्षेत्र से काट दिया गया है।
हाल ही में एक प्रतिनिधिमंडल ने ट्रांसगिरि को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने को लेकर प्रधानमंत्री समेत तीन केंद्रीय मंत्रियों से बात की थी, इसमें कांग्रेस व भाजपा दोनों विचाराधाराओं के लोग शामिल थे। राजगढ़ के महा सम्मेलन को हाटी समुदाय के बुद्धिजीवियों ने बड़ी सफलता बताया था।