आर्मी व सिविलियन विवाद को लेकर नाहन में सैन्य अधिकारियों व प्रशासन की बैठक चल रही है। इस बैठक को उपायुक्त कार्यालय सभागार में आयोजित किया जा रहा है। इसमे सेना स्तर के कर्नल स्तर के अधिकारियों के अलावा डीसी रितेश चौहान मौजूद हैं। हाल ही में हाईकोर्ट ने सेना को दो चैक पोस्ट हटाने के आदेश दिए थे। इसको लेकर दो मार्च को भी बैठक आयोजित की गई थी। इसके बाद सेना ने आरपी चैक पोस्ट नं0 1 को खोल दिया था। सुरक्षा को लेकर सेना ने कुछ समय से सख्ती बढ़ाई हुई है। सैन्य क्षेत्र के साथ लगते 14 गांवों के लोगों का आरोप रहा है कि सेना द्वारा घरों का निर्माण नहीं करने दिया जा रहा है। साथ ही चैक पोस्टस पर बेवजह तंग किया जाता है।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने अंग्रेजी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस का संज्ञान लेते हुए ही सेना को दो चैक पोस्ट हटाने के आदेश दिए थे। उधर हालांकि सेना प्रशासन ने सीधे तौर पर अब तक इस मसले पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि सेना ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश में एक चैक पोस्ट को हटाने के आदेश हैं। इसके अलावा सेना ने यह भी प्रशासन को अवगत करवाया है कि कई लोगों ने सेना की भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ है। इसको लेकर तमाम रिकॉर्ड उपलब्ध है।
सेना ने यह भी दलील दी है कि अतिक्रमण करने वाले लोग इस मामले को तूल दे रहे हैं। इस विवाद ने पिछले तीन सालों में अधिक तूल पकड़ा है। इस बात की संभावना भी कम है कि आज की बैठक में लिए गए फैसलों को सार्वजनिक किया जाए। डीसी रितेश चौहान पहले ही कह चुके हैं कि सेना व सिविल क्षेत्र की निशानदेही का कार्य प्रगति पर है। इसके बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि सेना की भूमि कौन सी है।