नाहन, 16 जून : हिमाचल प्रदेश के नाहन शहर में तीन दोस्तों अरविंद, अंकित और राजेश शर्मा ने इंसानियत की मिसाल पेश की है। तीनों दोस्तों ने मिलकर एक घायल बछड़े की कुत्तों से रातभर पहरेदारी की। साथ ही बछड़े का इलाज भी करवाया। इस दौरान तीनों दोस्तों के कपड़े गोबर व खून में सने रहे, लेकिन इस बात की परवाह किए बगैर उन्होंने बछड़े का जीवन बचाना जरूरी समझा।
दोस्तों ने बनोग में सड़क किनारे से बछड़े को न केवल वेटर्नरी अस्पताल तक पहुंचाया, बल्कि उसका इलाज भी करवाया। पशु चिकित्सक रोशन भी रात भर वहीं मौजूद रहे और बछड़े का इलाज किया। कुत्तों के हमले में बछड़े की पूंछ भी कट गई थी।
राजेश शर्मा ने कहा कि शाम तक नगर परिषद ने बछड़े को गौशाला में शिफ्ट नहीं किया था, जिससे लोगों में नाराजगी थी। पशु पालक अक्सर ही इस्तेमाल न होने वाले पशुओं को सड़कों पर छोड़ देते हैं, जिससे वे वाहनों की चपेट में आकर घायल हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस घटना ने नाहन में रात के समय शेल्टर होम की जरूरत को उजागर किया है, ताकि इस तरह की परिस्थितियों में घायल जानवरों को सुरक्षित स्थान मिल सके और उन्हें उचित इलाज मिल सके।
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गौर हो, क्षेत्र में रात के समय पशुओं के लिए शेल्टर होम न होने की वजह से पशु प्रेमियों को अक्सर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
शर्मा ने कहा कि कुत्तों के हमले के बाद अरविंद व अंकित रात भर वही रुके वो खुद बछड़े को अस्पताल पहुंचाया। उन्होंने बताया कि बछड़ा सहमा हुआ था, जिससे उसने गोबर भी कर दिया। साथ ही खून से लथपथ था। हमारे भी कपड़ों में खून व गोबर लग गया था। उन्होंने बछड़े को नया जीवन देने के लिए ईश्वर का धन्यवाद किया। यह घटना इंसानियत और जानवरों के प्रति हमारी जिम्मेदारी का एक जीवंत उदाहरण है।
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