हमीरपुर (एमबीएम न्यूज) : जहां आज देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्व पं जवाहर लाल नेहरू की जयंती मना रहा है वहीं पं नेहरू के अंगरक्षक नानक चंद को पं नेहरू की अनदेखी किए जाने पर मलाल हो रहा है।हमीरपुर जिला के बजूरी गांव के रहने वाले 88 वर्षीय नानक चंद पं नेहरू के वर्ष 1952 से 1955 तक त्रिमूर्ति भवन में अंगरक्षक रह चुके है और आज पं नेहरू की जयंती के अवसर पर नानक चंद की आंखे भी उन्हें याद करके छलक आती है।
गौरतलब है कि हमीरपुर के बजूरी गांव के निवासी नानक चंद स्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ अंगरक्षक के तौर पर सेवाएं दे चुके है और पंडित नेहरू के जीवन से स्वंय भी नानक चंद काफी प्रभावित हुए थे। लेकिन आज पंडित नेहरू के लिए अपशब्द सुनकर उन्हें बहुत दुख पहुंचता है। जिसके चलते जल्द ही पीएम मोदी से भी मुलाकात कर बातों पर विराम लगाना चाहते है। नानक चंद प.नेहरू के अंगरक्षक के साथ साथ उनके अच्छे मित्र भी थे।
आज 88 वर्ष के हो चुके नानक चंद जीवन के आखरी पड़ाव पर पहुंच चुके है। बातचीत में उन्होंने बताया कि आज वह सिर्फ इस बात से दुखी है कि प.नेहरू को सिर्फ लोग उनके जन्मदिन पर ही क्यों याद करते है। उन्होंने बताया कि बच्चें भी प.नेहरू को भूलते जा रहे है। प.नेहरू सिर्फ किताबों तक ही सीमित रह गए है। उनके आदर्श पर चलने वाले कुछ ही लोग बचे है। नानक चंद मानते है कि प नेहरू ने जो देश के लिए किया है वह अमूल्य है।
नानक चंद का कहना है कि आज के समय में पंडित नेहरू को लेकर तरह तरह की टिप्पण्यिां सुनने को मिलती है लेकिन यह सब गलत है। और वास्तव में ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने बताया कि जल्द ही पीएम मोदी से मिलकर पं नेहरू के बारे में हो रही चर्चाओं पर विराम लगाने के लिए कोशिश की जाएगी। क्योंकि पंडित नेहरू को भूलना धर्म के खिलाफ है।
गांव में नानक चंद को सब बच्चें कहते है चाचा….
प.नेहरू के साथ वक्त बिता चुके नानक चंद अब अपने गांव में चाचा के नाम से पुकारे जाते है। यही नहीं नानक चंद बच्चों से बहुत प्यार भी करते है। ग्रामीणों के अनुसार चिल्ड्रन डे पर नानक चंद गांव के बच्चों को मिठाईयां व चॉकलेट भी बांटते है।
गांव में सारथी की भूमिका निभाते है नानक चंद….
पंचायत के प्रधान बलवंत कुमार ने बताया कि नानक चंद गांव में एक सारथी की भूमिका निभाते है। उन्होंने बताया कि जब गांव में कुछ विकास के कार्य करवाने होते है तो उनसे भी सलाह जरूर ली जाती है। उन्होंने बताया कि नानक चंद सबको चाचा नेहरू के किस्से भी सुनाते रहते है।