नाहन, 03 जुलाई : हिमाचल प्रदेश में वाहनों पर फैंसी नंबर (Fancy Number of Vehicles) का क्रेज सिर चढ़कर बोलता है। लेकिन, ऐसा भी नहीं है, मोटी रकम चुका कर नंबर लिया जाए। पांवटा साहिब में एक वीआईपी नंबर HP17H-0001 की ऑनलाइन नीलामी (Online Auction) 60 लाख रुपए तक पहुंच गई थी। नीलामी में तीन आवेदनकर्ता थे, जिनमें से एक व्यक्ति ने इस नंबर के लिए 60 लाख रुपए की बोली लगाई थी।
ताजा जानकारी के मुताबिक सबसे अधिक बोली लगाने वाले ने 3 जुलाई की शाम पांच बजे तक 60 लाख रुपए जमा नहीं किए, जिसके चलते उसकी डेढ़ लाख रुपये की सिक्योरिटी राशि जब्त कर ली गई है। एसडीएम पांवटा साहिब गुंजित सिंह चीमा ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि शेष दोनों बोलीदाताओं की राशि वापस कर दी जाएगी, लेकिन आवेदन शुल्क के रूप में दिए गए 2000 रुपए वापस नहीं किए जाएंगे। बता दे कि फैंसी नंबर के लिए बाहरी राज्यों के वाहन मालिक हिमाचल में आवेदन नहीं कर सकते हैं।
इस घटना के चलते सरकार के खजाने में 1,56,000 रुपए आए हैं। इस प्रक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि एक बोलीदाता ने डेढ़ लाख की कीमत पर केवल टशन के कारण ऊंची बोली लगा दी, ताकि दूसरा भी यह नंबर न हासिल कर सके। यह अलग बात है कि रिएक्शन में दूसरे नंबर पर रहा बोलीदाता दोबारा अप्लाई कर सकता है।
हिमाचल सरकार ने फैंसी नंबरों की नीलामी के लिए रिजर्व प्राइज एडवांस में जमा करवाने की शर्त लागू की है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि फर्जी बोलीदाताओं से बचा जा सके और सरकारी खजाने में भी वृद्धि हो सके। पिछली घटनाओं को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है।
एसडीएम ने कहा कि नीलामी की यह प्रक्रिया दोबारा होगी। इस पर परिवहन विभाग कार्रवाई करता है। शुरू से ही ऐसी संभावना लग रही थी कि जिस तरह से कोटखाई में फर्जी ऑक्शन दिखाई गई थी, उसी तरह की संभावनाएं इस नंबर पर भी हो सकती हैं। फर्क यह है कि उस समय बेस प्राइस में तय न्यूनतम राशि को सिक्योरिटी के तौर पर जमा करवाने का प्रावधान नहीं था।
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